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Sambhal Violence: ‘पुलिस ने नहीं चलाई एक भी गोली, वहां बस भीड़ इकट्ठा हुई और..’ संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान कैसे भड़की हिंसा, कमिश्नर ने खोले राज

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार को मस्जिद सर्वे के दौरान भारी बवाल हुआ। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई, जिनकी पहचान नोमान, बिलाल और नईम के रूप में हुई है। अधिकारियों ने बताया कि घटना के दौरान हालात तेजी से बिगड़े और पथराव व फायरिंग की घटनाएं सामने आईं। मुरादाबाद मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि मस्जिद सर्वे के लिए इंतजामिया कमेटी को शनिवार को बुलाया गया था। रविवार सुबह करीब 7:30 बजे सर्वे शुरू हुआ और 10 बजे तक पूरा हो गया। सर्वे के दौरान स्थिति पूरी तरह सामान्य थी, और पुलिस बल भी पर्याप्त मात्रा में तैनात था। आंजनेय कुमार ने बताया कि मस्जिद से जैसे ही ऐलान हुआ कि सर्वे समाप्त हो गया है, अचानक पत्थरबाजी शुरू हो गई। देखते ही देखते भीड़ इकट्ठा हो गई और हिंसा भड़क उठी। नखासा थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा पथराव हुआ।

हिंसा में कोई नमाजी शामिल नहीं था

आंजनेय कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि हिंसा में मस्जिद में मौजूद किसी नमाजी का हाथ नहीं था। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने पूरी सतर्कता बरती। घटना के दौरान 4 पुलिस अधिकारियों सहित 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए। एक डिप्टी कलेक्टर को भी चोटें आई हैं। हालांकि, मुरादाबाद कमिश्नर ने साफ किया कि पुलिस की ओर से फायरिंग नहीं की गई है।

मौत के कारण की जांच जारी

प्रारंभिक जांच में सामने आया कि बिलाल की मौत गोली लगने से नहीं हुई है। अन्य मृतकों के पोस्टमार्टम के बाद ही उनकी मौत के कारण स्पष्ट हो सकेंगे। संभल एसपी कृष्ण कुमार ने कहा कि पत्थरबाजों ने पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले करने और पुलिसकर्मियों पर हमला करने की कोशिश की। आरोपियों की पहचान के लिए ड्रोन और सीसीटीवी फुटेज का इस्तेमाल किया जा रहा है। सभी दोषियों के खिलाफ एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की जाएगी।

मौजूदा स्थिति नियंत्रण में

अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं। घटना की मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी ताकि जिम्मेदारों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

 

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