News Room Post

UP: कोरोना काल में गरीबों को पूड़ी-सब्जी बांटने वाले सफाई कर्मचारी ने दी विपक्ष को पटखनी, अब PM मोदी को लेकर कही ये बड़ी बात

ganesh chandra chohan

नई दिल्ली। 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार जीत हासिल की है। पार्टी को जनता ने एक बार फिर अपना सहयोग देकर 37 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। दरअसल, 37 साल बाद ऐसा देखने को मिला है जब भाजपा का कोई नेता दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने में कामयाब रहा है। चुनावी नतीजों के साथ ही एक बार फिर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सत्ता की कमान संभालेंगे। प्रदेश में चुनावी मैदान में जीत हासिल करने वालों में संतकबीर नगर जिले की धनघटा सीट पर लड़े गणेश चंद्र चौहान भी हैं। गणेश चंद्र चौहान ने चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार अलगू प्रसाद को 10,553 वोटों के अंतर से मात दी है। गणेश चंद्र चौहान एक सफाई कर्मचारी हैं जो बीजेपी उम्मीदवार के रूप चुनावी मैदान में उतरे थे। इस सीट पर कांग्रेस पार्टी ने शांति देवी तो वहीं, आम आदमी पार्टी ने संतोष पर दांव लगाया था।

पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर कही ये बात

पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए गणेश चंद्र चौहान ने कहा, ‘जिस तरह से प्रधानमंत्री ने सफाई कर्मियों को सम्मान दिया है और चुनाव टिकट दिया है, हर छोटे कर्मचारी को यह महसूस करना चाहिए कि वे ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। पीएम ने इलाहाबाद (प्रयागराज) में सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया था, पीएम मोदी ने उनके पैर धोए और संदेश दिया कि सफाई कर्मचारी नीच नहीं हो सकते। अगर वे समाज की गंदगी साफ कर रहे हैं, तो यह दर्शाता है कि वे निश्चित रूप से महान हैं।’

कोरोना कहर के दौरान की लोगों की मदद

जिस वक्त कोरोना का कहर अपने चरम पर था उस वक्त गणेश चंद्र चौहान ने अपने क्षेत्र में लोगों की मदद के लिए आगे आए थे। उन्होंने रिक्शा चालकों के लिए खाने की व्यवस्था की थी। इस बात का जिक्र करते हुए गणेश ने कहा, “मैं केवल लोगों की सेवा करना चाहता हूं। मैं अपनी गाड़ी में ‘पूड़ी-सब्जी’ रखता था और कोविड महामारी के दौरान रिक्शा चालकों को खाना खिलाता था, क्योंकि उनके पास कमाई का कोई साधन नहीं था। संत कबीर नगर में बिहार के कई लोग रहते हैं. जब मुझे टिकट दिया गया तो लोग मुझसे मिलने आए, वे भावुक हो गए। जिस दिन मैं धनघाट विधानसभा से जीता, लोग एक-दूसरे को गले लगा रहे थे। रिक्शा चालक खुश हो रहे थे और सभी को बता रहे थे कि मैंने उन्हें तीन महीने तक लॉकडाउन के दौरान खिलाया, जब किसी ने उनकी परवाह नहीं की।”

Exit mobile version