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Ashok Stambh: क्या विशालकाय अशोक स्तंभ बनाने में हुई छेड़छाड़? मूर्तिकार ने सच्चाई दिखाते हुए विपक्षी दलों को दिखाया आईना

ASHOK STMABH

नई दिल्ली। खोजी पत्रकारिता का नाम तो आपने सुना ही होगा। पत्रकारिता की वह विधा जिसके अंतर्गत पत्रकार किसी ना किसी नवीन विषय की खोज में मसरूफ रहता है। वहीं, हमारे देश के विपक्षी दल भी किसी खोजी पत्रकार से कम नहीं हैं। वो भी खोजी पत्रकार की भांति किसी न किसी ऐसे मसले की तलाश में जुटे ही रहते हैं, जिससे की केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा जा सकें। इसी कड़ी में देश के विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेने हेतु अशोक स्तंभ का मसला लपक लिया है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने हाल ही में नए संसद भवन की छत पर निर्मित किए गए अशोक स्तंभ की संरचना को लेकर सवाल उठाने के साथ-साथ पीएम मोदी द्वारा किए गए इसके अनावरण पर भी प्रश्चचिन्ह खड़ा कर दिया है। कांग्रेस से लेकर असदुद्दीन ओवैसी तक ने इस मसले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। अब इसी बीच राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ को बनाने वाले मूर्तिकार ने इसे लेकर बड़ा खुलासा किया है। आइए, आपको बताते हैं कि आखिर मूर्तिकार ने क्या कुछ कहा है।

दरअसल, अशोक स्तंभ को बनाने वाले मूर्तिकार सुनील दरेकर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कई पहलुओं पर अपनी बात रखी है। इस दौरान उनसे जब अशोक स्तंभ के बहुत सारे मुंह को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने इस पर बिना कोई टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें मूर्ति बनाने से पहले सरकार की तरफ से दिशानिर्देश दिया गया था और जिसमें यह स्पष्ट था कि हमें मूर्ति को किस रूप में गढ़ना है। हमने इस संदर्भ में मौजूदा सरकार या किसी अन्य प्रभावशाली व्यक्ति से कोई भी अनुबंध नहीं किया था। उन्होंने आगे कहा कि सारनाथ में मौजूद स्तंभ का यह कॉपी है। हमारा इसे लेकर सरकार के साथ कोई भी अनुबंध नहीं हुआ था। इसे बनाने में हमें कुल 9 माह लग गए हैं। और जैसा कि बताया जा रहा है कि हमने इसकी मूल आकृति में किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया है। मूर्तिकार अशोक ने कहा कि सरकार की तरफ से समर्थन मिलने के बाद हमने इस पर काम शुरू किया था।

 

उधर, इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने विपक्षी दलों पर जोरदार हमला भी बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि नए संसद भवन के छत पर निर्मित किया गया अशोक स्तंभ सरनाथ वाले मॉडल से ही प्रेरित है। इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। वहीं, स्मृति ईरानी ने इस प्रकरण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिन लोगों ने संविधान को तोड़ा है, वो लोग अशोक स्तंभ पर क्या कहेंगे, जो मां काली का सम्मान नहीं करते हैं, वो अशोक स्तंभ पर क्या कहेंगे। बता दें कि नए संसद भवन की छत पर निर्मित किए गए अशोक स्तंभ के स्वरूप से लेकर संरचना तक के मुद्दे पर बहस का सिलसिला जारी है। विपक्षी दलों द्वारा केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय चिन्हों व प्रतीकों  के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगे चलकर क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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