नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिसमें मुंबई के एक कॉलेज परिसर में हिजाब, बुर्का और नकाब पहनने पर प्रतिबंध को बरकरार रखा गया था। यह मामला चेंबूर ट्रॉम्बे एजुकेशन सोसाइटी के एनजी आचार्य और डीके मराठे कॉलेज से जुड़ा हुआ है, जहां कॉलेज प्रशासन ने परिसर में हिजाब, बुर्का और नकाब पहनने पर रोक लगा दी थी। इस फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी सही ठहराया था।
हाईकोर्ट का फैसला
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 26 जून को दिए गए अपने फैसले में कहा था कि कॉलेज द्वारा बनाए गए ऐसे नियम छात्रों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं करते हैं। कोर्ट ने कहा कि यह नियम कॉलेज की आंतरिक अनुशासन व्यवस्था का हिस्सा हैं, और इसका उद्देश्य सभी छात्रों के लिए समान वातावरण सुनिश्चित करना है।
The Supreme Court will hear on Friday the petition challenging the Bombay High Court order that upheld the ban imposed by a Chembur college on wearing burqa, hijab or niqab inside the college campus.
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— ABP LIVE (@abplive) August 8, 2024
याचिकाकर्ताओं की अपील
इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं में शामिल जैनब अब्दुल कय्यूम समेत अन्य ने इस प्रतिबंध को उनके धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील अबीहा जैदी ने दलील दी कि टर्म परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को ड्रेस कोड के इन निर्देशों के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग की, जिसके बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इसे शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध किया।
एनसीपीसीआर के निर्देशों पर भी सुनवाई
इस मामले के अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने बाल यौन शोषण पीड़ितों के लिए ‘सहायता कर्मियों’ की नियुक्ति को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के निर्देशों के संबंध में भी राज्यों से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने राज्यों को एनसीपीसीआर के दिशा-निर्देशों के पालन की रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 22 अक्तूबर को होगी।