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Twin Tower: पल-पल पर रखी जाएगी नजर, ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण का ड्रोन कैमरे में कैद होगा पूरा मंजर

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नई दिल्ली। नोएडा के ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है। तैयारियों मे भी तेजी आती जा रही है। वैसे इस इमारत तो गिराने की तैयारी पूरी हो चुकी है बस इसे अंतिम रूप दिया जा रह है। आए दिन मीटिंग हो रही हैं। बताया जा रहा है कि शुक्रवार तक इस विस्फोट की तैयारी की प्रक्रीया पूरी हो जाएगी। अभी तक ट्विन टावर में 3700 किलोग्राम विस्फोटक लगाया जा चुका है। हालांकि इन्हें तार से जोड़ने की काम अभी बाकी है। जल्द ही ये काम भी पूरा हो जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार, ब्लास्ट के दौरान इस प्रक्रिया के पल-पल की हलचल पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे, थर्मल सेंसर व आरजीवी कैमरे लगाए जाएंगे। ये कार्य 25 अगस्त को सीबीआरआई द्वारा किया जाएगा। 28 अगस्त को कैमरे में कैद हुए ध्वस्तीकरण के एक-एक प्वांइंट की स्टडी की जाएगी। इसके अलावा आईआईटी चेन्नई की द्वारा कंपन मापने के लिए इस स्थान पर यंत्र लगाए जाएंगे।

गौरतलब है कि ब्लास्ट के दिन टावर के पास केवल 10 लोग ही मौजूद होंगे, जिसमें एडिफिस इंजीनियरिंग (इमारत गिरने वली कंपनी) के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता, दक्षिणी अफ्रीकी कंपनी जेट डिमोलिशन के कुल 7 विशेषज्ञ और इंडियन ब्लास्टर भी शामिल होंगे। एडफिसि इंजीनियरिंग ने भारतीय अथॉरिटी फोर्स AAI को पत्र लिखकर जानकारी दी कि 28 अगस्त को दोपहर को समय 2:30 बजे इमारत के गिरने से करीब 300 मीटर की ऊंचाई तक धूल का गुबार उड़ेगा, जिससे हवाई यातायात प्रभावित हो सकते हैं,  इसलिए एजेंसियां एहतियात के साथ कदम उठाएं।

इसके अलावा, टावर के आसपास की सोसाइटीज के लोगों को सुरक्षित रखने की भी व्यवस्था भी अथॉरिटी ने की है। विस्फोटक करने से पहले पड़ोस के एमराल्ड और एटीएस टावर को खाली कराके यहां रहने वाले करीब 700 हजार परिवारों को सेक्टर-93ए में स्थित पार्श्वनाथ प्रेस्टीज सोसाइटी, सेक्टर-93 की पूर्वांचल सिल्वर सिटी और सेक्टर-137 की पूर्वांचल सोसाइटी में रखा जाएगा। इतना ही नहीं, लोगों को अपने घरों से सुराक्षित निकलने और खुद को घरों में बंद करनें की ट्रेनिंग भी कंपनी के द्वारा दी जा रही है।

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