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Manish Sisodia : ‘तो फांसी पर लटके मिलते’, उपराज्यपाल को पत्र लिख सिसोदिया ने लगाए गंभीर आरोप तो भड़क उठे पार्टी के नेता

नई दिल्ली। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच अक्सर किसी न किसी मुद्दे को लेकर बहस होती रहती है। अब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक और चिट्ठी एलजी वीके सक्सेना को लिखी है। इस चिट्ठी में आरोप लगाया है कि दिल्ली में नगर निगम चुनाव से ठीक दो महीने पहले मोहल्ला क्लिनिक के चिकित्सकों की सैलरी और टेस्ट को रुकवा कर बड़ी साजिश रची गई। सिसोदिया की इस चिट्ठी को ट्वीट करते हुए आप नेता नरेश बाल्यान ने कहा, ‘MCD चुनाव से ठीक दो महीने पहले @LtGovDelhi दिल्ली ने मोहल्ला क्लिनिक के डॉक्टरों की सेलरी रुकवा दी। टेस्ट रुकवा दिया। ताकि लोगो में आम आदमी पार्टी के प्रति आक्रोश उठे। ये बेहद निचले स्तर का कार्य किया LG ने। अगर अमेरिका–चीन में ये हरकत कोई करता तो वहां का कानून फांसी पर लटका देता।’ वही उनके इस बयान के बाद एक नई सियासी सरगर्मी शुरू हुई है

आपको बता दें कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आपका भी घोटाले में फंसे मनीष सिसोदिया ने जो चिट्ठी एलजी को लिखी है उसमें कहा गया है कि दिल्ली में एमसीडी चुनाव से पहले दिल्ली की जनता को परेशान करने के लिए साजिश रचा गया। दिल्ली सरकार में बैठे कुछ अफसरों ने जानबूझ कर फाइलों को कुछ इस तरह घुमाया कि एमसीडी चुनाव से ठीक दो महीने पहले यानी अक्टूबर और नवंबर के महीने में मोहल्ला क्लिनिक के डॉक्टरों की सैलरी नहीं दी गई। मोहल्ला क्लिनिक में होने वाले सभी टेस्ट रोक दिये गये ताकि अगर सैलरी ना मिलने के बावजूद भी चिकित्सक आएं तो टेस्ट ना कराया जा सके।

इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी बात को रखते हुए कहा, “मोहल्ला क्लिनिक किराये के मकान में चल रहे हैं उनका किराया भी नहीं जमा होने दिया गया। मैंने (मनीष सिसोदिया) जब इस संबंध में अधिकारियों से बातचीत की तो वो तकनीकी खराबी बताते रहे लेकिन दबी जुबान में यह भी बताते रहे है कि एलजी साहब की तरफ से सख्त निर्देश ये है कि एमसीडी चुनाव से पहले पेमेंट ना करें। मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली के लोगों का इलाज रोकना एक आपराधिक कृत्य है। जनता ने जिस सरकार को चुन कर भेजा है उसके खिलाफ साजिश करेंगे तो यह देशद्रोह है। उपराज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देता है कि चुनी हुई सरकार के खिलाफ साजिश रची जाए। इसे उपराज्यपाल के पद की गरिमा को ठेस पहुंचती है।

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