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Electricity Problem: देश में सिर्फ चार दिनों के लिए ही बचा है कोयला, गुल हो सकती है आपके घर की बिजली!  

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नई दिल्ली। अगर आप भी हो चुके हैं, जगमगाती बिजली की मौजूदगी में काम करने के आदि, तो आपके लिए खबर बुरी है। खबर है कि देश में सिर्फ चार दिनों के लिए ही कोयला बचा है। इन चार दिनों के बाद देशभर के लोगों को अंधेरे में रहना पड़ सकता है। ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक, कुल 135 पावर थर्मल पॉवर प्लाइंट्स में से 72 के पास कोयले का तीन दिन का ही स्टॉक बचा हुआ है। वहीं, बाकी के 5 पॉवर प्लांट्स में 10 दिनों के लिए ही कोयला बचा हुआ है। अगर समय रहते कोयले की आपूर्ति नहीं हुई, तो देशभर में बिजली की समस्या पैदा हो सकती है। 70 फीसद बिजली का उत्पादन कोयले से किया जाता है। आइए, अब आगे विस्तार से जानते हैं कि आखिर चीन के बाद हमारे देश में क्यों बिजली संकट की समस्या गहरा रही है।

कोरोनावायरस 

कोरोना काल में जिस तरह वर्क फॉर्म हॉम का ट्रेंड शुरू हुआ और बाकी के सारे कामों को घर से निपटाने का सिलसिला शुरू हुआ, उसकी वजह से भी बिजली की खपत बढ़ी है। बिजली की खपत के मुताबिक कोयले की आपूर्ति न होने की वजह से बिजली की समस्या पैदा हो रही है। एक आंकड़े के मुताबिक, 2019 अगस्त सितंबर में बिजली कुल खपत 10 हजार 660 करोड़ रूपए यूनिट थी और 2021 में यह आंकड़ा 12 हजार 420 करोड़ प्रति यूनिट पहुंच चुका था।

 भारी बारिश भी रही एक वजह

इसके अलावा बीते दिनों हुई भारी बारिश की वजह से कोयला खदान में पानी भरा है, उसकी वजह से भी बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। कोयला खदानों में पानी भरने की वजह से बिजली उत्पादन की प्रक्रिया बाधित हुई है।

वहीं, बिजली बनाने की शुरू हो चुकी गतिविधियों में भी अब विराम लगता हुआ नजर आ रहा है, जिसकी वजह से बिजली संकट अब लगातार गहराता जा रहा है। भारी बारिश की वजह से तीन कोयला खदानों को बंद करने की नौबत आ चुकी है। ऐसे में अधिकारियों को भी कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए।

 2019 की तुलना में 2020 और 2021 में बढ़ी कोयले की खपत

इसके अलावा साल दर साल कोयले की खपत बढ़ती जा रही है। एक आंकड़े के मुताबिक, 2019 से 2020 में भारत कोयले की खपत में 18 फीसद बढ़ी है। जिससे अब बिजली संकट की समस्या उभरकर सामने आ रही है।

 अन्य देशों को कोयला आयात करना भी वजह रहा  

इसके साथ ही भारत अन्य देशों को कोयला आयात करता है, जिसमें इंडोनेशिया, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं। इन जैसे देशों को भारी मात्रा में कोयला आयात करने की वजह से भी भारत में कोयले का अभाव देखा जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अब बिजली संकट की समस्या उभरकर सामने आ रही है।

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