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Delhi: केंद्र के अध्यादेश पर छिड़ा बवाल, अब केजरीवाल के समर्थन में उतरे अखिलेश यादव, कह दी ऐसी बात

akhilesh yadav

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली का असली बॉस बताए जाने के बावजूद केंद्र ने अध्यादेश लाकर उपराज्यपाल की शक्तियों को जिस तरह से बढ़ाने का काम किया है, उसे लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल अब केंद्र के खिलाफ मोर्चाबंदी करने में जुट चुके हैं। केजरीवाल ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ गीष्मकालीन अवकास के बाद सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया है। बता दें कि गत दिनों सुप्रीम कोर्ट नें दिल्ली का असली बॉस केजरीवाल सरकार को बताया था और उपराज्यपाल के मताहत महज जमीन, पुलिस और कानून व्यवस्था को ही रखा था। दूसरे शब्दों में कहें तो दिल्ली सरकार को पुलिस, सुरक्षा और जमीन को छोड़कर सभी मुद्दों पर फैसला लेने का हक है।

वहीं, केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश को लेकर अभी बवाल मचा हुआ है। सीएम केजरीवाल इस अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं। इसे संविधान के खिलाफ बता रहे हैं। वहीं अन्य विपक्षी दलों ने भी केंद्र के इस अध्यादेश का विरोध किया है। जिसमें नीतीश कुमार का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। बता दें कि आज उनकी सीएम केजरीवाल से मुलाकात भी हुई। 40 दिनों में यह उनकी केजरीवाल से दूसरी मुलाकात है। मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने केंद्र के इस अध्यादेश का विरोध किया। कहा यह संविधान के खिलाफ है। उधर, अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अध्यादेश को लेकर सीएम केजरीवाल का समर्थन किया है। उन्होंने इस अध्यादेश को न्यायपालिका का अपमान बताया है। उन्होंने इस संदर्भ में बाकायदा ट्वीट कर कहा कि यह अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है। यह बीजेपी की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक अन्याय का भी। बीजेपी जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर उसकी करारी हार होगी। इसलिए वह जनता से पहले ही बदला ले रही है।

अध्यादेश के नाम पर जनादेश का अपमान कर रही है। बता दें कि इससे पहले सीएम केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र के इस अध्यादेश का विरोध किया था और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया था। वहीं, केजरीवाल ने अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी एकता की मुहीम छेड़ दी है। लिहाजा वे आगामी 23 मई से सभी विपक्षी नेताओं से मुलाकात करेंगे और लोकसभा चुनाव से पूर्व मोदी सरकार के विरोध में सियासी माहौल को जन्म देने की कोशिश करेंगे। ध्यान रहे कि अभी नीतीश कुमार भी ऐसी ही कोशिशों में जुटे हैं। वे तमाम विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और आज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की है, लेकिन अब सवाल यह है कि आखिर विपक्षी एकता की अगुवाई कौन करेगा। यह सवाल अभी-भी भविष्य के गर्भ में निहित है । अब ऐसे में आगामी दिनों में प्रदेश का सियासी परिदृश्य कैसा रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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