नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति इस समय दुनिया की सबसे बेहतरीन विदेश नीतियों में से एक मानी जा रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से भारत का पक्ष रखते हैं तो वहीं दूसरी तरफ दुनिया के किसी भी देश में जब संकट आता है तब भारत सबसे पहले मदद का हाथ आगे बढ़ा देता है। ऐसे में भारत मतभेदों को भी भुलाकर मानवीय सहायता भेजता है। तुर्की में भी भूकंप की त्रासदी के बाद भारत ने तत्काल राहत सामग्री और एनडीआरएफ की दो टीमें लोगों की सहायता के लिए रवाना कर दी। हालांकि तुर्की और भारत के बीच कश्मीर के मामले को लेकर मतभेद रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसी को भारतीय सभ्यता की मूल भावना बताया है। एस जयशंकर ने कहा, ‘हम भौगोलिक स्थितियों में रोज ही परिवर्तन देखते हैं। हालांकि भारत के संबंध सभी देशों के साथ स्थिर हैं। वसुधैव कुटुंबकम की नीति के तहत भारत हमेशा मानवता की सहायता करने के लिए सदैव तैयार रहता है।”
S jaishankar : यही हमारी सभ्यता ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ है… मतभेदों के बावजूद तुर्की की मदद पर विदेश मंत्री जयशंकर ने क्या-क्या कहा ?
S jaishankar : आज स्थिति यह है कि पाकिस्तान इस हालत में नहीं है कि वह खुद की भी सहायता कर सके। 1965 और 1971 के युद्ध में भी तुर्की ने पाकिस्तान की सहायता की थी। इसके अलावा वह जब-तब कश्मीर को लेकर बयान देता रहता था। वहीं भारत 1970 से ही तुर्की की सहायता करता रहा है। तुर्की में कुर्दों के साथ युद्ध के समय भी भारत ने सैन्य मदद पहुंचाई थी।
