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Hira Ba Passes Away: बचपन में शादी, दूसरों के घर बर्तन धोए, पीएम मोदी समेत 6 बच्चों को पालने वाली हीराबा का जीवन सबके लिए प्रेरणादायक

hira ba modi

अहमदाबाद। पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीराबा का निधन हो गया है। वो 100 साल की थीं। इसी साल जून में हीराबा ने अपना 100वां जन्मदिन मनाया था। बुधवार को सांस लेने में दिक्कत और कफ की वजह से उनको अहमदाबाद के निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया था। हीराबा का जीवन पीएम मोदी और अपने बाकी बच्चों के उत्थान में लगा रहा। कम उम्र में शादी के बाद उन्होंने बहुत मेहनत की और अपने बच्चों को पैरों पर खड़ा किया। हीराबा का जन्म साल 1922 में पालनपुर में हुआ था। 15-16 साल की उम्र में उनकी दामोदरदास मोदी से शादी हो गई थी। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इस वजह से वो खुद को पढ़ाई नहीं कर सकीं, लेकिन बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्होंने अथक मेहनत की।

पीएम नरेंद्र मोदी और उनके भाई प्रह्लाद ने बताया था कि हीराबा रोज सुबह और शाम को गहरे कुएं से पानी खींचकर निकालती थीं। बाहर का भोजन नहीं करती थीं। सुबह 4 बजे उठकर घर का काम निपटाती थीं। फिर दूसरों के घरों में काम करने जाती थीं। कई तरह के घरेलू उपचार हीराबा जानती थीं। वो अपने बच्चों के साथ ही वडनगर के तमाम और बच्चों और महिलाओं का इलाज भी कर देती थीं। छोटी उम्र में ही स्पेनिश फ्लू की वजह से हीराबा ने अपनी मां को खो दिया था। हीराबा के पति और पीएम मोदी के पिता दामोदरदास मोदी वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे। ऐसे में कम आमदनी थी। हीराबा ने घर के खर्चे निकालने के लिए दूसरों के घरों में बर्तन धोने का काम किया था। पीएम मोदी ने बताया था कि हीराबा की मेहनत के कारण मिट्टी की दीवारों और खपरैल की छत के बाद भी उनके समेत हीराबा के किसी भी बच्चे को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।

दामोदरदास मोदी और हीराबा के 6 बच्चे हुए। इनमें नरेंद्र मोदी तीसरे नंबर के हैं। उनके बाकी बच्चों के नाम अमृत मोदी, पंकज मोदी, प्रह्लाद मोदी, सोमा मोदी और बेटी का नाम वसंती बेन हंसमुखलाल मोदी है। हीराबा काफी मजबूत शख्सियत की महिला थीं। उनमें डर का नामोनिशान नहीं था। प्रह्लाद मोदी ने बताया था कि एक रात घर में चोर घुस आए थे। उनके हाथ में हथियार भी थे, लेकिन हीराबा ने डटकर इन चोरों का मुकाबला किया। ऐसे में चोरों को भागने के अलावा और कोई रास्ता नहीं सूझा। पीएम मोदी के मुताबिक उनकी मां हीराबा के जीवन में आलस्य नाम की चीज नहीं थी। 100 साल की उम्र होने के बाद भी वो अपने ज्यादातर काम खुद ही करती थीं। निधन से पहले वो अपने बेटे पंकज मोदी के साथ रहती थीं।

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