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What is Dawat e Islami: कन्हैयालाल मर्डर केस से जुड़े तार, जिहादी बनने की स्पेशल ट्रेनिंग देता है ये कट्टरपंथी संगठन

नई दिल्ली। राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या करने वाले रियाज़ मोहम्मद अख्तारी और उसके साथी गौस मोहम्मद को मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। अशोक गहलोत ने मौके की नज़ाकत को नजरअंदाज़ करते हुए उन पुलिसकर्मियों का आउट ऑफ टर्म प्रमोशन करने का फैसला किया जिन्होंने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। ये शुरू से ही कहा जा रहा है कि जिस निर्ममता से हत्या को अंजाम दिया गया वो किसी 1, 2 या तीन लोगों का काम नहीं हो सकता बल्कि इसके पीछे जरूर किसी कट्टरपंथी संगठन का हाथ है।इस मामले में आतंकी कनेक्शन खंगालने के लिए फिलहाल इसकी जांच NIA ने संभाल ली है। जो दावा किया जा रहा है उसके मुताबिक अपराधियों के तार पाकिस्तान के संगठन दावत-ए-इस्लामी से जुड़े हैं। 1981 में बना ये संगठन एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है।

दावत ए इस्लामी एक कट्टरपंथी सुन्नी संगठन है जिसका गठन पाकिस्तान के कराची में मौलाना इलियास अत्तारी ने 1981 में किया था। मौजूदा वक्त में इस संगठन का नेटवर्क 194 देशों में फैला हुआ है। दावत ए इस्लामी खुद को एक गैर राजनीतिक इस्लामी संगठन बताता है लेकिन राजनीति में इसका दखल भी है। भारत में ये संगठन करीब पिछले चार दशकों से सक्रिय है। ये संगठन कहता कि शरिया कानून का प्रचार प्रसार करना और पैगम्बर मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को लागू करना इसका मकसद है लेकिन कन्हैया लाल की हत्या में नाम सामने आने के बाद इस संगठन के नापाक मंसूबों का पर्दाफाश हो गया है।

दावत ए इस्लामी की अपनी वेबसाइट भी है जिसके जरिए ये इस्लामिक संगठन कट्टर मुसलमान बनाने के मकसद से शरिया कानून के तहत इस्लामी शिक्षाओं का ऑनलाइन प्रचार-प्रसार करता रहता है। इसकी वेबसाइट पर करीब 32 तरह के ऑनलाइन कोर्स आपको देखने को मिलेंगे। इसमें महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग तरह के कोर्स हैं। इसके अलावा ये संगठन कुरान पढ़ने और मुस्लिमों को हर तरीके से शरिया कानून के लिए तैयार भी करता है।


दावत-ए-इस्लामी संगठन पर अक्सर धर्मांतरण के आरोप भी लगते रहे हैं। ये संगठन अपनी वेबसाइट पर एक न्यू मुस्लिम कोर्स भी चलाता है।ये कोर्स भी पूरी तरह ऑनलाइन है। इसका मकसद धर्मांतरण कर नए मुसलमानों को इस्लाम की शिक्षाओं से रूबरू करवाना है। इस कोर्स के जरिए धर्मांतरण करने वालों को जिहादी बनने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स में की मानें तो उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या करने वाले दोनों आरोपी रियाज अख्तरी और मोहम्मद गौस ‘दावत-ए-इस्लामी’ नाम के इसी संगठन से जुड़े हैं। ये दोनों इसके ऑनलाइन कोर्स से जुड़े हुए हैं। हत्या के बाद दोनों आरोपी जियारत के लिए अजमेर दरगाह जाने वाले थे। ये संगठन दुनिया भर में मुस्लिमों के सुन्नी कट्टरपंथ को बढ़ावा देता है।

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