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Exit Polls: वे मौके, जब एग्जिट पोल के दावों के बिल्कुल विपरीत आए चुनावी नतीजे

नई दिल्ली। अगर हम आपसे पूछे कि आखिर एग्जिट पोल को लेकर आपका क्या ख्याल है, तो आप क्या कहेंगे। जहां तक हमारा अंदाजा आप यही कहेंगे कि एग्जिट पोल चुनाव से पहले की संभावना है। चुनावी नतीजों की कार्बन कॉपी है, या नहीं तो जनता का मिजाज है। लेकिन अब सवाल यह है कि क्या एग्जिट पोल हमेशा सही साबित होते हैं। क्या इन पर हमेशा आंख मूंदकर भरोसा किया जा सकता है। क्या इनकी विश्वनीयता हमेशा खरी उतरती है। तो जवाब है, बिल्कुल भी नहीं। अब आप पूछेंगे की वो कैसे। तो वो ऐसे कि आपको भारतीय चुनावी इतिहास में कई ऐसे मौके मिल जाएंगे, जब एग्जिट पोल वास्तविक नतीजों के बिल्कुल विपरीत साबित हुए हैं। आप कह सकते हैं कि एग्जिट पोल को चुनावी नतीजों के आगे मुंह की खानी पड़ी। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर आज एकाएक कैसे एग्जिट पोल को याद किया जा रहा है। आखिर पूरा माजरा क्या है। तो आपको तो पता ही होगा कि अभी उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव जारी हैं और नतीजों की घोषणा आगामी 10 मार्च को होने जा रही है। ऐसी स्थिति में सभी मीडिया संस्थानों के जरिए एग्जिट पोल जारी करने का सिलसिला जारी हो चुका है। इसी क़ड़ी में हम आपको इस रिपोर्ट में कुछ ऐसी मौकों से रूबरू कराने जा रहे हैं, जब एग्जिट पोल को मुंह की खानी पड़ी।

2004 का लोकसभा चुनाव

अगर आपको भारतीय राजनीति का तनिक भी ज्ञान होगा, तो आपको पता ही होगा कि कैसे विगत 2004 के लोकसभा चुनाव के नतीजे एग्जिट पोल के बिल्कुल विपरीत साबित हुए थे। शायद आपको ध्यान होगा कि तत्कालीन लोकसभा चुनाव को लेकर टाइम्स नाऊ के एग्जिट पोल ने बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की झोली में 294 सीटें जाने की संभावना जताई थी और कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के पिटारे में 148 सीटें जाने की संभावना जताई गई थी और अन्य दलों के खाते में 150 से 162 सीटें जाने की संभावना जताई गई थी। लेकिन इसके बाद क्या हुआ। आप तो जानते ही होंगे कि कैसे जब चुनावी नतीजों की घोषणा हुई, तो एग्जिट पोल गलत साबित हुए।

उधर, इंडिया टूडे ग्रुप ने भी कांग्रेस की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की झोली में 261 से 283 सीट के साथ बहुमत मिलना बताया था। यूपीए को 110-120 सीटें और 150 से 162 सीटें अन्य के खातों में जाती हुई बताईं। सीएनएन-आईबीएन, सीएसडीएस ने एनडीए को 270 से 282, यूपीए को 92 से 102 और अन्य के खाते में 159 से 181 सीट जाती हुईं बताई थी। लेकिन जब चुनावी नतीजों की घोषणा तब क्या हुआ। आइए, आपको बताते हैं। दरअसल, जब चुनावी नतीजों की घोषणा हुई, तो कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए के खाते में 60 और बीजेपी के खाते में 60 और अन्य के खाते में 147 सीटें आई। अब ऐसे में आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे एग्जिट पोल पर हमेशा ही आंख मूंद कर भरोसा नहीं किया जा सकता है।

यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजों

मौजूदा वक्त में देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर चुनावी सैलाब में सराबोर है। अब तक वहां 6 चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं और आज यानी की  सोमवार को सांतवे और आखिरी चरण का चुनाव होने जा रहा है और नतीजों की घोषणा आगामी 10 मार्च को होगी। जिसमें यह तय हो जाएगा कि सूबे में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठने जा रहा है, लेकिन नतीजों से पहले एग्जिट पोल के आने का सिलसिला शुरू हो चुका और ये एग्डिट पोल कितने सार्थक साबित हो पाते हैं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन क्या आपको पता है कि विगत विधानसभा चनाव को लेकर जारी हुए एग्जिट पोल गलत साबित हुए थे। वो कैसे, तो वो ऐसे कि इंडिया टूडे एक्सिस ग्रुप ने बताया कि यूपी में बीजेपी की झोली में 251 से 279 सीटें जाएंगी और कांग्रेस और सपा के गठबंधन के पिटारे में 88 से 112 सीटें और बीएसपी को 28 से 42 सीटें जाने का अनुमान जताया था। और बीएसपी के खाते में 28 से 42 सीटें जाने की संभावना जताई गई थी।

कुछ इसी तरह के आंकड़े अन्यत्र मीडिया संस्थानों के द्वारा भी जारी किए गए थे, लेकिन क्या हुआ, जब चुनावी नतीजों की घोषणा हुई। ज्यादा कुछ नहीं। बस। एग्जिट पोल ने अपनी किरकिरी करवा ली। चलिए, थोड़ा आपको फ्लैश बैक में लिए चलते हैं और बताते हैं कि जब चुनावी नतीजों की घोषणा हुई, तो कैसे एग्जिट पोल की विश्वनियता को अपनी अंतिम सांस लेने में मसरूफ हो गई। जब चुनावी नतीजों की घोषणा हुई, तो बीजेपी के पिटारे में 325, बीएसपी  19, समाजवादी पार्टी 47, कांग्रेस के खाते में महज 7 सीटें ही गईं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015

दिल्ली विधानसभा चुनाव-2015 को लेकर विभिन्न मीडिया संस्थानों द्वारा एग्जिट पोल में बताया गया था कि बीजेपी के खाते में 14 से 28 सीटें मिलेंगी। आम आदमी पार्टी को 42 से 54 सीटें मिलेंगी। कांग्रेस के खाते में 2 सीटें मिलेंगी।

लेकिन चुनावी नतीजों ने एक बार फिर से एग्जिट पोल की सार्थकता को सवालिया कठघरे में खड़ा कर दिया। बीजेपी के खाते में 3 सीटें और आम आदमी पार्टी के खाते में 67 सीटें गईं और इस तरह दिल्ली में आम आदमी पार्टी अपनी सरकार बना पाने में सफल रही।

पंजाब विधानसभा चुनाव 2017

इंडिया टूडे एक्सिस ग्रुप द्वारा जारी किए गए एग्जिट पोल में बताया गया था कि बीजेपी के खाते में 4 से 7 सीटें जाएंगी। कांग्रेस के खाते में 62 से 71 सीटें जाएंगी और आम आदमी पार्टी के खाते में 42 से  51 सीटें जाएंगी। वहीं, एबीवी ने अपने एग्जिट पोल में बताया था कि बीजेपी के खाते में 19 से 27 सीटें जाएंगी।

कांग्रेस के खाते में 46 से 56 सीटें जाएंगी। लेकिन जब चुनावी नतीजों की घोषणा हुई, तो एग्जिट पोल पूरी तरह से गलत साबित हुए। दरअसल, बीजेपी-एएसडी के खाते में 15, कांग्रेस के खाते में 77 और आम आदमी पार्टी के खाते में 29 सीटें आई है। तो इस तरह से आप इन सभी चुनावी मौकों के जरिए जान सकते हैं कि कैसे चुनावी नतीजे गलत साबित हुए।

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