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Assam: बहुविवाह करने वालों की अब खैर नहीं!, असम सरकार के इस कदम से मचा हड़कंप, जानें पूरा माजरा

himanta biswa sarma

बीजेपी के नेता और असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा।

नई दिल्ली। बहुविवाह आज की तारीख में महज बड़ी ही नहीं, बल्कि विकराल समस्या बनकर उभर रही है। जिस पर अंकुश लगाए जाने की मांग एक नहीं, बल्कि कई राजनेता कर चुके हैं, लेकिन असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा इन सभी नेताओं से एक कदम आगे जाते हुए इस कुप्रथा के खिलाफ कठोर कानून लाने की कवायद शुरू कर चुके हैं। अब इस दिशा में उनकी सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए विधानसभा में विधेयक पेश लाने की बात कही है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, असम सरकार नवंबर-दिसंबर में विधेयक पेश करेगी। अगर यह विधेयक पारित हुआ, तो यह कानून का रूप अख्तियार कर लेगा, जिसके बाद बहुविवाह को अमल में करने वाले लोगों के खिलाफ कानून का शिकंजा कसा जाएगा। ध्यान दें, इससे पहले भी वो सार्वजनिक मौकों पर बहुविवाह के खिलाफ कानून बनाने की बात कह चुके हैं। जिसे अब वो अमल में लाने की कवायद शुरू कर चुके हैं। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने इस कानून पर क्या कुछ कहा है?

दरअसल, सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि, ‘पूर्व में बहुविवाह पर अंकुश लगाने के लिए समिति गठित की गई थी। हमने जनता से प्राप्त सुझावों के बाद ही विधेयक लाने का विचार किया है। जिसके जवाब में हमें एक या दो नहीं, बल्कि 149 सुझाव मिले, जिसे अब हमने विधेयक के रूप में अमल में लाने का फैसला किया है। अब हमने विधेयक के लिए अलग से मसौदा तैयार करने का मन बनाया है। दिसंबर में विधेयक को अंतिम रूप दिया जाएगा। जिसके बाद इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा। वहीं, विधेयक की विधायी क्षमता की जांच के लिए विधायी क्षमता जांच समिति का भी गठन किया गया। समिति इसकी रिपोर्ट सीएम हिमंता को सौंप चुकी है।

इसके अलावा सीएम ने लव जिहाद के बिंदु को भी विधेयक में जोड़ने की बात कही है। वहीं, सेना को विशेष अधिकार देने वाले कानून सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम पर विचार करने का भी फैसला असम सरकार ने लिया है। इस कानून को हटाया जाए या नहीं। फिलहाल, राज्य सरकार इस पर विचार कर रही है। वहीं, सीएम हिमंता के इस कदम के बाद राज्य में राजनीति गरमा गई है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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