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Farmers Protest: सरकार ने साफ किया बातचीत का प्रस्ताव, टिकैत ने दी धमकी, कहा बिना शर्त टेबल पर करे बात

Rakesh Tikait

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को 7 महीने से अधिक वक्त हो चुका है। एक तरफ जहां प्रदर्शन कर रहे किसान कृषि कानूनों को लगातार रद्द करने की मांग पर अड़ा हुआ है तो वहीं सरकार साफ कर चुकी है कि वो इस बिल को वापस नहीं करेंगी। बता दें कि किसान और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है। सरकार और किसानों के बीच जारी तनातनी के बाद भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने एक फिर सरकार को चेतावनी दी है। टिकैत ने कहा कि सरकार चाहे लाठी-डंडे का इस्तेमाल कर ले, लेकिन जो भी बात होगी वो बिना किसी कंडीशन के होगी। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार का जो ताज़ा प्रस्ताव सामने आया है, वो शर्तों के साथ है। एक तरफ सरकार बात करने को कह रही है और दूसरी तरफ ये भी कह रही है कि कानून वापस नहीं होगा। टिकैत ने कहा कि हमने कोई शर्त नहीं लगाई है, अगर सरकार कानून वापसी को लेकर चर्चा करने को तैयार है तो किसान बातचीत शुरू करना चाहते हैं।

आठ महीने से आर-पार के मूड में- टिकैत

इसके आगे राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि हम आठ महीने से आर-पार के मूड में ही बैठे हैं, जो जिस भाषा में आर-पार समझता हो, वही समझे। टिकैत ने कहा कि हम शांति से बैठे हैं, हमें छेड़ो नहीं और सरकार कह रही है कि यहां से चले जाओ। टिकैत ने कहा, अगर हम जाएंगे तो बातचीत से जाएंगे, वरना लाठी-डंडे-गोली जिससे सरकार भगाना चाहे हमें भगा दें।

सरकार को कंपनियां चला रही- टिकैत

सरकार पर वार करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार अगर किसी पार्टी की होती तो हमसे जरूर बात करती, लेकिन यहां कंपनियां सरकार को चला रही है और देश को लूटकर अपना जेब भर रही है। ऐसे में देश की जनता को सड़कों पर उतरकर लुटेरों को भगाना होगा, ये ही आखिरी बादशाह साबित होगा। बता दें, गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन (BKU) द्वारा इस बात का भी ऐलान किया था कि अगस्त महीने से उनके द्वारा उत्तर प्रदेश में जिलावार आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। इस आंदोलन में उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों की दिक्कतें, महंगी बिजली समेत अन्य कई मसलों पर जोर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि पिछले करीब एक साल से किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसान दिल्ली के गाजीपुर, सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में डटे हुए हैं। हालांकि सरकार और किसानों के बीच कई दौर की चर्चा हो चुकी है लेकिन सभी बेनतीजा रही लेकिन अब देखना होगा कि कब तक किसानों और सरकार के बीच बात बनती है।

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