नई दिल्ली। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा आज अपना 88वां जन्मदिन मना रहे हैं। दलाई लामा ने केक काटकर लोगों के साथ भारतीय राष्ट्रगान गाते हुए अपना जन्मदिन मनाया। इस खास मौके पर उन्हें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा- ’88वें जन्मदिन के अवसर पर धर्मगुरु दलाई लामा से फोन पर बात की। हम उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं।’
Spoke to His Holiness @DalaiLama and conveyed heartfelt greetings to him on his 88th birthday. Wishing him a long and healthy life.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 6, 2023
‘मेरा शरीर तिब्बती है लेकिन मन से मैं एक भारतीय हूं’। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को जब आज से 64 साल पहले 31 मार्च, 1959 के दिन तिब्बत से भागना पड़ा था। तब से तिब्बती धर्मगुरु भारत में ही रह रहे हैं।
दलाई लामा ने जब रखा भारत में कदम
चीन की बुरी नियत से परेशान और तिब्बत को सुचारु रूप से चलाने के लिए तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा ने 17 मार्च, 1959 को तिब्बत की राजधानी ल्हासा से पैदल भारत आने की ठानी और इस मुश्किल सफर पर निकल गए। हिमालय की पहाड़ियों को पार करते हुए 15 दिनों के लंबे सफर के बाद दलाई लामा 31 मार्च 1959 को भारतीय सीमा में दाखिल हुए और फिर यहीं के होकर रह गए। हालांकि चीन की बद नजरों से बचने के लिए उन्होंने केवल रात में ही अपना सफर किया था।
भारत से चलाते है तिब्बत की निर्वासित सरकार
दलाई लामा सालों से भारत के हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रहते हैं। यहीं से वो तिब्बत की निर्वासित सरकार को चलाते हैं। इसका चुनाव भी होता है। चुनाव के लिए दुनियाभर के तिब्बती शरणार्थी वोट करते हैं। वोट डालने के लिए इन तिब्बती शरणार्थियों को पहले रजिस्ट्रेशन कराना होता है।