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Cyber Security, Social Vigilance, Career Counseling And Parental Guidance Program : मोहल्ला सुधार एवं सुरक्षा समिति के कार्यक्रम में साइबर सुरक्षा, सामाजिक सतर्कता, करियर परामर्श और अभिभावकीय मार्गदर्शन के दिए गए टिप्स

नई दिल्ली। दिल्ली में मोहल्ला सुधार एवं सुरक्षा समिति, मौजपुर के सदस्यों द्वारा दिल्ली पुलिस, शिक्षा विभाग और दिल्ली कमीशन फॉर वीमेन के सहयोग से 17 नवंबर को मौजुपर स्थित जैन धर्मशाला में मोहल्ले के उत्थान और सुरक्षा के लिए कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें साइबर सुरक्षा, सामाजिक सतर्कता, करियर परामर्श और अभिभावकीय मार्गदर्शन के टिप्स भी दिए गए। दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के सहायक आयुक्त, वीरेंद्र पुंज इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे। कार्यक्रम में दिल्ली पुलिस, शिक्षा विभाग दिल्ली और दिल्ली कमीशन फॉर वीमेन के विशेषज्ञों ने लगभग 80 प्रतिभागियों को अपने अनुभवों से साइबर सुरक्षा, सामाजिक सतर्कता, कैरियर परामर्श और अभिभावकीय मार्गदर्शन के विषय से परिचित कराया।

कार्यक्रम में इंस्पेक्टर खेमेंद्र सिंह (विजिलेंस विभाग, दिल्ली पुलिस) ने अति सरल शब्दों में आपराधिक गतिविधियों की रामायण के सीता हरण प्रसंग से तुलना की। उन्होंने बताया कि अपराधी हमारे लालच, मोह को अपना अस्त्र बनाकर हमारे धन या शरीर का अहित करते हैं। अपराधियों की चालों से बचने के लिए हमें ऐसे विज्ञापनों या संदेशों से सतर्क रहना चाहिए जो हमें अव्यवहारिक प्रलोभन देते हैं।  इंस्पेक्टर खेमेंद्र सिंह और साइबर सेल, उत्तर-पूर्वी जिला, दिल्ली पुलिस के स्टाफ ने प्रतिभागियों को साइबर क्राइम का अर्थ, साइबर अपराधियों की गतिविधियां और साइबर अपराधों से बचने के उपायों के बारे में विस्तार से समझाया।

POLICE शब्द का समझाया अर्थ-

साइबर अपराधों के परिपेक्ष्य में पुलिस शब्द में आए 6 शब्दों को अलग ढंग से परिभाषित किया गया।

P – स्ट्रांग पासवर्ड

O – अपनी ऑनलाइन गतिविधियां सीमित करना, अनावश्यक फोटो आदि पोस्ट न करना

L – अनजान लोगों द्वारा भेजे गए या apk लिंक्स को कभी भी क्लिक नहीं करना

I- इंटरनेट का समझदारी पूर्वक उपयोग करना

C- साइबर ठगों से सुरक्षा

E- इमरजेंसी में साइबर सेल की वेबसाइट पर या 1930 हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करना

मुख्य अतिथि, वीरेंद्र पुंज (सहायक आयुक्त, अपराध शाखा, दिल्ली पुलिस) ने प्रतिभागियों को जीवन में सफलता प्राप्त करने में सहायक सूत्र Vision Plan Time Management Practice और Self Evaluation तत्वों के बारे में बताया कि कैसे आने वाले 5 वर्षों का निवेश अच्छा परिणाम देगा। उन्होंने बताया कि जीवन में एक असफल मगर मेहनती व्यक्ति द्वारा दिया गया मार्गदर्शन एक सफल व्यक्ति द्वारा दिए गए टिप्स से ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को लीगल स्टडीज पाठ्यक्रम के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि किस तरह यह पाठ्यक्रम हर नागरिक को उनके कर्तव्यों, अधिकारों और क़ानून की जानकारी देता है। उन्होंने मंत्र दिया कि ‘कानून का कायदा, शिक्षा का फायदा, सुरक्षा का वायदा और रोजगार का सहारा’ मार्ग पर चल कर ही घर परिवार नगर राज्य और भारत को विकसित बनाया जा सकता है।

इससे पहले सर्वोदय कन्या विद्यालय, न. 2, C ब्लॉक, यमुना विहार की उप-प्रधानाचार्या दिव्या चौहान ने अभिभावकों को प्रेरित किया कि उन्हें बच्चों के विकास में और उनकी शिक्षा में सहयोगी बनना चाहिए। उन्होंने वे उपाय साझा किये जिनसे परिवार, बच्चों और अभिभावकों के बीच सौहार्द बने और बच्चे अपने जीवन में सफलता प्राप्त करें। उन्होंने बच्चों को ऊँचे लक्ष्य प्राप्त करने के लिए-आधारभूत ज्ञान, अभ्यास और निरंतरता का मूल मंत्र दिया। साथ ही उन्होंने UPSC और SSC की तैयारी करने के लिए बच्चों को प्रेरित किया और  कुछ अनमोल टिप्स भी दिए। उन्होंने अभिभावकों के प्रश्नों के उत्तर दे कर उनकी शंकाओं का भी निवारण किया। इनके बाद वीणा शर्मा ने, जो कि घोंडा विद्यालय में गणित की एक अत्यंत लोकप्रिय शिक्षिका हैं, ने सब विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण टिप्स दिए कि किस तरह खेल खेल में, मनोरंजनपूर्ण तरीकों से वे सब गणित सीख सकते हैं। उन्होंने उदहारण दे कर बच्चों को प्रेरित किया कि वे अपने आस पास की गतिविधियों द्वारा गणित को समझें जिससे कि वे गणित में निपुण भी होंगे और गणित उनके लिए सरल भी हो जायेगा।

दिल्ली कमीशन फॉर वीमेन में नोडल अफसर मेघवर्णा शर्मा ने बच्चों की सुरक्षा और POCSO एक्ट जैसे अति गंभीर विषयों पर बहुत ही सरल भाषा में सब को निर्दिष्ट किया। उन्होंने बताया कि आजकल अभिभावकों और बच्चों के बीच संवाद कण होने के कारण बच्चे अपने प्रति होने वाले अपराधों से डर जाते हैं और कई बार तो वे किसी को भी उसके बारे में सूचित भी नहीं करते।  इससे अपराधियों के हौसले बढ़ जाते हैं और वे बच्चों का  और अधिक उत्पीड़न करते रहते हैं। उन्होंने इस बात की आवश्यकता बताई कि बच्चों और अभिभावकों के के बीच अत्यधिक विश्वास बना रहना चाहिए, जिससे कि बच्चे अपने मन की बात उनसे निडर हो कर कह सकें। उन्होंने बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में बताया और POCSO एक्ट के उन प्रावधानों के बारे में बताया जो की उनको सुरक्षा देते हैं। उन्होंने बच्चों से 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर भी साझा किया।

कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अमित शर्मा ने किया जो राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद्, दिल्ली में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। नीतू शर्मा और कुमारी अदिति शर्मा ने संचालन में अमित शर्मा का सहयोग किया। कार्यक्रम को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए समिति के सदस्यों-रामस्वरूप, गौरव कुमार गोयल, संदीप कौशिक, मदन मोहन शर्मा, रंजन शर्मा, अभिनव शर्मा, कुमारी अदिति शर्मा, कुमारी सौम्या शर्मा ने विशिष्ट योगदान दिया। सभी प्रतिभागियों ने मोहल्ला सुधार एवं सुरक्षा समिति, मौजपुर के प्रयासों और प्रबंध को बहुत ही खूबसूरत संदेश के साथ सराहा है तथा तथा कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा दिए गए संदेशों को सराहा है।

 

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