नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अचानक आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी गई है। जून से जुलाई तक कई जगह खासकर जम्मू क्षेत्र में आम लोगों और सेना को आतंकियों ने निशाना बनाया। इसके बाद मोदी सरकार ने जम्मू क्षेत्र में सेना के 500 पैरा कमांडो समेत 3000 जवानों को तैनात करने का फैसला किया था। एक बार फिर मोदी सरकार ने जम्मू क्षेत्र में आतंकियों पर प्रभावी कार्रवाई के लिए और जवानों की तैनाती का फैसला किया है।
जानकारी के मुताबिक जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ कर लगातार हमले करने वाले आतंकियों को ढेर करने के वास्ते मोदी सरकार अब इस इलाके में असम रायफल्स की 2 बटालियन तैनात करने जा रही है। यानी 2000 और जवान जम्मू क्षेत्र में तैनात होंगे। इससे पैरा कमांडो समेत सेना के 5000 जवान जम्मू क्षेत्र में तैनात किए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक जून से जुलाई तक सेना और आम लोगों पर हमला करने वाले आतंकी पाकिस्तानी हैं। ये घुसपैठ कर आए हैं। इनको खत्म करने के लिए सेना की बड़े पैमाने पर तैनाती की जा रही है। सेना और अर्धसैनिक बलों की प्रभावी कार्रवाई के कारण कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियां अब नहीं हो रही हैं। इसके कारण पाकिस्तान के इशारे पर पहले शांत रहे जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी दहशत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
मोदी सरकार जब 9 जून को शपथ ले रही थी, उसी दिन जम्मू के रियासी में हिंदू तीर्थयात्रियों की बस पर आतंकवादियों ने हमला किया था। उस हमले के बाद बस खाई में गिरी थी। 9 लोगों की इस आतंकी हमले में जान गई थी। जिसके बाद सेना के काफिलों और पोस्ट वगैरा पर भी आतंकियों ने कई हमले किए। इनमें कई जवानों को शहीद होना पड़ा। आतंकियों के खिलाफ एक्शन के दौरान भी सेना 1 अफसर और कई जवान शहीद हुए। जम्मू क्षेत्र में सेना पर हमले और आतंकियों के खिलाफ एक्शन में 12 जवान शहीद हो चुके हैं। ऐसे में सेना को बड़े पैमाने पर तैनात कर जम्मू क्षेत्र को भी आतंकियों से पूरी तरह मुक्त कराने की हरसंभव कोशिश हो रही है।