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Vikram Batra Birth Anniversary: आज है शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की जयंती, छोटी उम्र में जान गवांकर भी कर गए बड़ा काम

नई दिल्ली। ‘ये दिल मांगे मोर…’ आज शेरशाह यानि की अमर शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की 47वीं जयंती है। भारत के हीरो अमर शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में 9 सितंबर 1974 को गिरधारी लाल बत्रा और कमल कांता बत्रा के घर हुआ था। पालमपुर से अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद चंडीगढ़ से उच्च शिक्षा हासिल की। इसके बाद विक्रम ने एनडीए परीक्षा पास की और साल 1996 में आर्मी जॉइन कर ली। डेढ़ साल की अपनी ट्रेनिंग के बाद विक्रम बत्रा की पहली पोस्टिंग दिसंबर 1997 में जम्मू कश्मीर के सोपोर में जम्मू कश्मीर राइफल्स में बतौर लेफ्टिनेंट हुई।

जम्मू-कश्मीर राइफल्स में बतौर लेफ्टिनेंट विक्रम बत्रा ने साल 1999 में हुए करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए। इस युद्ध के दौरान विक्रम बत्रा के द्वारा कहा गया ‘ये दिल मांगे मोर’ आज भी लोगों को शेरशाह विक्रम बत्रा की याद दिलाता है। हालांकि, हम लड़ाई तो जीत गए लेकिन 7 जुलाई 1999 को पाक सेना की तरफ से की गई गोलियों की बौछार में विक्रम बत्रा शहीद हो गए।

मरणोपरांत मिला सबसे बड़ा सम्मान

शहीद विक्रम बत्रा को उनके मरणोपरांत साल 1999 में सेना के सर्वोच्च सम्मान वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। कैप्टन विक्रम बत्रा की कहानी बड़े पर्दे पर भी दिखाई जा चुकी है। साल 2021 में सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी की फिल्म शेरशाह कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर आधारित है। ये फिल्म साल 2021 की सबसे बड़ी हिट रही थी और इस फिल्म ने फिल्मफेयर समेत कई अवॉर्ड अपने नाम किए।

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