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Atal Bihari Vajpayee: देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की चौथी पुण्यतिथि आज ,राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने दी श्रद्धाजंलि

नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज चौथी पुण्यतिथि है। इनका जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्‍य प्रदेश के ग्‍वालियर में हुआ था। कवि, राजनेता के तौर पर अटल जी ने राजनीति में काफी सफलता हासिल की । इसके साथ ही जनसंघ से बीजेपी और फिर देश के पीएम के तौर पर उनका सफर ऐसा रहा है, जिसकी आज कई मिसालें दी जाती है। पड़ोसी देश पाकिस्तान से संबंध सुधार की उनकी कोशिश आज एक उदाहरण के तौर पर भी देखी जाती है। दिल्ली से उनकी लाहौर की बस यात्रा की घटना को ऐतिहासिक घटनाओं में गिना जाता है। साल 1999 में जब भारत के तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी बस में बैठकर दिल्ली से लाहौर पहुंचे थे। उनकी इस यात्रा में उनके साथ कई अन्य सितारे भी पहुंचे थे।

वाजपेयी जी एक अच्छे कवि, और पत्रकार

अटल जी काफी अच्छे वक्ता थे और उनकी भाषण शैली बहुत अच्छी थी। वह अपने भाषण से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर लेते थे। वाजपेयी जी एक अच्छे कवि, और पत्रकार भी थे। इन्होंने हमेशा शिक्षा,भाषा समाज औऱ साहित्य पर जोर दिया था। वह बीजेपी के संस्थापकों में एक थे। अटल जी साल 1957 में पहली बार जनसंघ के टिकट पर बलरामपुर संसदीय सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। साल 1996 से 2004 तक वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। इसके बाद साल 1996 में 13 दिन, फिर 1998 में 13 महीने और 1999 से 2004 तक पूरे पांच साल के लिए वह प्रधानमंत्री रहे।

पुण्यतिथि पर पीएम ने दी श्रद्धांजलि

अटल जी के पुण्यतिथि पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई गणमान्य लोगों ने उनकी समाधि स्थल ‘सदैव अटल’ पर जाकर उन्हें  श्रद्धांजलि अर्पित की है। वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि देने वालों में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का नाम भी शामिल है। इनके अलावा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी अपने चहेते दिवंगत नेता को उनकी पुण्यतिथी में यादकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। हम बता दें कि 16 अगस्त 2018 को लंबी बीमारी के बाद अटल बिहारी वाजपेयी जी का देहांत हो गया था।  अटल जी के योगदान को देखते हुए साल 2015 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक अलंकरण  ‘भारत रत्न’ से उन्हें सम्मानित किया गया था।

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