नई दिल्ली। बिहार की नीतीश सरकार को लेकर कई दिनों से सवाल खड़े किए जा रहे थे कि आखिर बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार क्यों नहीं हो रहा है। जबकि नीतीश सरकार में अभी सीएम सहित 14 मंत्री हैं, वहीं 24 मंत्रियों की जगह खाली है। बिहार में मंत्रिमंडल की हालत यह है कि, कई मंत्री ऐसे हैं, जिनके पास 5-6 विभाग की जिम्मेदारी है लेकिन इसके बाद भी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो रहा था। इस देरी को लेकर जो विवाद चल रहा था अब उसपर विराम लग गया है। बता दें कि नीतीश कैबिनेट का कल यानी मंगलवार को विस्तार होने जा रहा है। इस विस्तार को लेकर कहा जा रहा है कि बीजेपी की तरफ से शाहनवाज हुसैन, सम्राट चौधरी, नितिन नवीन और संजीव चौरसिया को मंत्री पद सौंपा जा सकता है। इसके अलावा JDU की तरफ से जामा खान, संजय झा और सुमित सिंह के नामों की चर्चा है कि इन्हें मंत्री पद दिया जा सकता है।
बता दें कि मंगलवार को होने वाले बिहार के मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा है कि जेडीयू के मदन साहनी, नीरज कुमार, जयंत कुशवाहा भी मंत्री बनाए जा सकते हैं। वहीं, बीजेपी से संजय सरावगी भागीरथी देवी और नीरज बबलू भी रेस में हैं। बता दें कि बिहार में 16 नवंबर को नई नीतीश सरकार का गठन हुआ था। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ 14 मंत्रियों ने शपथ ली थी। हालांकि मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के बाद बिहार मंत्रिमंडल में मौजूदा समय में 13 चेहरे हैं। जिसमें बीजेपी की तरफ से 7 तो जेडीयू के 4 है। वहीं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के एक और विकासशील इंसान पार्टी के एक मंत्री शामिल हैं।
वहीं बिहार मंत्रिमंडल को लेकर सूत्रों का कहना है कि नीतीश कैबिनेट में अभी बचे हुए मंत्रियों की संख्या का 50-50 फॉर्मूले के साथ-साथ बीजेपी-जेडीयू के पास मौजूदा विभागों में से ही अपने-अपने कोटे के मंत्रियों के विभाग का बंटवारा करेंगे। बिहार सरकार के 44 मंत्रालय के विभागों के बंटवारे में लगभग बराबर किया गया था। इसमें बीजेपी के हिस्से में 21 और जेडीयू के हिस्से में 20 विभाग आए हैं। मंत्रिमंडल को बढ़ाए जाने के बाद मंत्रालय के विभागों का बंटवारा बीजेपी-जेडीयू को अपने-अपने कोटे से अपने-अपने मंत्रियों को देना होगा।