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TRP Scam: रिपब्लिक चैनल के सीईओ विकास खानचंदानी गिरफ्तार

republic ceo

नई दिल्ली। फर्जी टीआरपी घोटाले (TRP Scam) में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने रिपब्लिक चैनल (Republic Channel CEO) के सीईओ विकास खानचंदानी को गिरफ्तार (Vikas khanchandani Arrested) किया है। मुंबई पुलिस ने रविवार सुबह को ये कार्रवाई की है। नकली टीआरपी घोटाले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक चैनल के टीआरपी घोटाले का पर्दाफाश किया था। बैरोमीटर बदलकर टीआरपी संख्या बढ़ाई जा रही थी। मुंबई पुलिस ने इस संबंध में कार्रवाई की थी और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया। इन सभी से पूछताछ की गई थी, जिसमें पता चला था कि आरोपी लोगों को रिपब्लिक चैनल का भुगतान करके उनका चैनल देखने के लिए मजबूर कर रहे थे।

गौरतलब है कि मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक चैनल के टीआरपी घोटाले का दावा किया था। पुलिस का कहना था कि बैरोमीटर बदलकर टीआरपी संख्या बढ़ाई जा रही थी। मुंबई पुलिस ने इस संबंध में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था। इन व्यक्तियों से पूछताछ में पता चला था कि आरोपियों को रिपब्लिक चैनल देखने के लिए भुगतान किया गया और चैनल देखने के लिए मजबूर किया गया। मिली जानकारी के मुताबिक इस रैकेट को BARC और हंसा के पूर्व कर्मचारियों ने अंजाम दिया था। आरोप के मुताबिक इसमें केवल मराठी, बॉक्स सिनेमा और रिपब्लिक टीवी चैनलों को गलत तरीके से बढ़ी हुई टीआरपी का लाभ मिला।

इस मामले में केवल मराठी और बॉक्स फिल्म ड्राइवरों को गिरफ्तार किया गया था। मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के अनुसार, रैकेटर्स ने रिपब्लिक टीवी की टीआरपी बढ़ाने के लिए मदद भी मांगी। इसलिए अब रिपब्लिक टीवी के प्रमोटरों की जांच शुरू हुई है।

परमबीर सिंह ने क्या कहा था

वहीं पूरे मामले की बात करें तो आरोप को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में परमबीर सिंह ने कहा कि “रिपब्लिक टीवी की टीआरपी बढ़ाने के लिए कुछ लोगों को अपने घरों में पूरे दिन इस चैनल को चालू रखने के लिए कहा गया था। इसके लिए उन्हें 400 से 500 रुपये का भुगतान किया गया था। इसका फायदा चैनल को हुआ और उसकी टीआरपी में बड़ी तेजी के साथ वृद्धि हुई। अब इस TRP के आधार पर संबंधित चैनलों द्वारा प्राप्त विज्ञापनों की भी जाँच की जाएगी। इसकी जांच भी की जाएगी कि क्या ये विज्ञापनकर्ता भी रैकेट में शामिल थे।”

टेलिविजन रेटिंग पॉइंट (TRP) क्या है…

टीआरपी का मतलब है टेलिविजन रेटिंग पॉइंट। इसके जरिए यह पता चलता है कि किसी टीवी चैनल या किसी शो को कितने लोगों ने कितने समय तक देखा। इससे यह पता चलता है कि कौन सा चैनल या कौन सा शो कितना लोकप्रिय है, उसे लोग कितना पसंद करते हैं। इससे तय होता है कि किस चैनल की लोकप्रियता कितनी होती है। जिसकी जितनी ज्यादा टीआरपी, उसकी उतनी ज्यादा लोकप्रियता। अभी BARC इंडिया (ब्रॉडकास्ट आडियंस रिसर्च काउंसिल इंडिया) टीआरपी को मापती है। पहले यह काम TAM करती थी।

टीआरपी क्या है और कैसे मापी जाती है, यह जानने के बाद अब समझते हैं कि आखिर इसकी अहमियत क्या है। दरअसल, टीआरपी किसी चैनल, प्रोग्राम या शो की लोकप्रियता का पैमाना है। टीवी चैनलों की कमाई का मुख्य स्रोत विज्ञापनों से आने वाला पैसा ही है। जिस चैनल की जितनी ज्यादा लोकप्रियता यानी टीआरपी होती है, विज्ञापनदाता उसी पर सबसे ज्यादा दांव खेलते हैं। ज्यादा टीआरपी है तो चैनल विज्ञापनों को दिखाने की ज्यादा कीमत लेगा। कम टीआरपी होगी तब या तो विज्ञापनदाता उसमें रुचि नहीं दिखाएंगे या फिर कम कीमत में विज्ञापन देंगे। इससे साफ समझ सकते हैं कि जिस चैनल की जितनी ज्यादा टीआरपी, उसकी उतनी ज्यादा कमाई।

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