नई दिल्ली। भारत में तुर्की के बॉयकॉट के बीच कानपुर से तुर्की की एक कंपनी का फर्जीवाड़ा सामने आया है। कानपुर मेट्रो के निर्माण के काम में लगी तुर्की की कंपनी गुलेरमक पर आरोप है कि वो ठेकेदारों का 80 करोड़ रुपये का बकाया लेकर भाग गई। कंपनी के कानपुर ऑफिस में ताला लटका हुआ है, यहां तक कि वहां मौजूद गार्डों की सैलरी का पैसा भी कंपनी पर बकाया है। ठेकेदारों का कहना है कि कंपनी के अधिकारी अब उनका फोन तक नहीं उठा रहे हैं, ना ही कंपनी की तरफ से किसी प्रकार का कोई रिस्पांस दिया गया है। इस मामले में पीड़ित ठेकेदारों ने कानपुर डीएम को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।
एक ठेकेदार ने गुलेरमक कंपनी का लेटर दिखाते हुए कहा कि उसके अधिकारियों ने 30 से 40 परसेंट का डिस्काउंट देने पर ही पेमेंट रिलीज करने की बात कही थी, मगर अब उनका कोई अता पता नहीं है। ठेकेदारों के अनुसार भारत-पाकिस्तान के बीच लड़ाई में तुर्की की भूमिका को लेकर देशभर में उसके खिलाफ उठ रहे विरोध के बाद भुगतान में देरी हुई। लगभग 40 ठेकेदार ऐसे हैं जिनका पैसा कंपनी में फंसा हुआ है। कंपनी ने काम कराया और बड़ी राशि लंबित रखकर छोटे-छोटे भुगतान किए। बता दें कानपुर में दूसरे फेस के मेट्रो रूट पर चुन्नीगंज, बड़ा चौराहा, नवीन मार्केट और नयागंज इन चार भूमिगत मेट्रो स्टेशनों के निर्माण का काम तुर्की की कंपनी गुलेरमक और उसकी सहयोगी सेम इंडिया को दिया गया था। चारों स्टेशनों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और 30 मई को मोदी इस रूट पर मेट्रो का उद्घाटन करने वाले हैं।
उधर, आजतक के अनुसार गुलेरमक कंपनी के बिलिंग मैनेजर हतीश ऐरी का कहना है कि यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने कंपनी का 35 करोड़ से अधिक का भुगतान नहीं किया है, अगर यूपीएमआरसी भुगतान कर दे तो कंपनी ठेकेदारों का बकाया दे देगी। उधर, यूपीएमआरसी के संयुक्त महाप्रबंधक (जनसंपर्क) पंचानन मिश्रा ने बताया कि उपरोक्त चारों स्टेशनों को अपने अधीन लेने के बाद मेट्रो की तरफ से गुलेरमक कंपनी को पूरा भुगतान किया जा चुका है।