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Twitter: भारत सरकार के नए IT Law को मानने में पूरी तरह से नाकाम रहा है Twitter, अब आगे क्या होगा?

नई दिल्ली। ट्विटर द्वारा वैधानिक नियमों का पालन न करने को लेकर अब कंपनी से कारण पूछा गया है। अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर समय सीमा 25 मई को समाप्त हो गई थी,लेकिन इसके बाद भी उनकी नियुक्ति को लेकर देर हुई है। जिसका कोई ठोस कारण भी अभी तक बताया नहीं गया है। वहीं सरकार के बार-बार कहने के बाद भी ट्विटर नए आईटी नियमों के साथ तीन वैधानिक अधिकारियों की नियुक्ति करने में सफल नहीं रहा। इसके अलावा अब कंपनी को ओर भी कई लीगल और क्रिमिनल केस का सामना करना पड़ रहा है।

25 मई को समाप्त समय सीमा

अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर दी गई समय सीमा 25 मई को खत्म हे गई है, लेकिन अभी तक किसी को नियुक्त नहीं किया गया है, और ना ही अभी तक इस मामले में कोई संतोषजनक कारण ही बताया गया है। इसके साथ ही ट्विटर पर और भी कई क्रिमिनल और लीगल केस दर्ज हैं, लेकिन इस समय वैधानिक अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर चल रहे केस में कंपनी की तरफ से सरकार को सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। बताया गया है कि कंपनी का कहना है कि अनुपालन अधिकारी को नियुक्त किया गया है और बाकि कार्य पर भी व्यापक गाइडलाइन के मुताबिक कार्य किया जा रहा है।

ट्विटर के खिलाफ अपनाया सख्त रुख

खबरों की मानें तो ट्विटर तीनों अधिकारियों की नियुक्ति नहीं कर पाया है, जिसे देखते हुए उसके लिए अब सख्त रुख अपनाते हुए कारण बताने को कहा गया है।

क्या है मामला

दरअसल ट्विटर के अंतरिम शिकायत निवारण अधिकारी धर्मेंद्र चतुर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद कंपनी ने यह पद अपने वैश्विक कानूनी नीति निदेशक जेरेमी केसल को सौंप दिया। लेकिन यह नियुक्ति दिशानिर्देशों के अनुसार नहीं की गई, नियमों के अनुसार शिकायत निवारण अधिकारी पद पर काम करने के लिए व्यक्ति का भारतीय होना अनिवार्य हैं। हालांकि माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म अब तक इस मामले पर गैर-कमिटेड रहा है, खासकर जब अधिकारियों को भारत से रहने की जरूरत है और भारत में रजिस्टर्ड कंपनी के बजाय कंपनी के हेडक्वार्टर के पेरोल पर नियुक्त होना चाहिए।

बार-बर गड़बड़ी कर रहा ट्विटर

ट्विटर और सरकार की बीच यह बवाल काफी समय से चल रहा है। ट्विटर ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के ट्विटर अकाउंट को भी कुछ समय के लिए बंद कर दिया था। इतना ही नहीं भारत का गलत मैप भी दिखाया गया है, जिसे लेकर चल रही जांच जारी है। क्योंकि यह किसी और ने नहीं बल्कि खुद ट्विटर की ओर से डाला गया था। इसलिए सरकार इसे किसी तीसरे पक्ष की गलती की बजाय प्रकाशक की गलती के रूप में देख रही है।

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