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J&K: पाकिस्तान की नापाक हरकत जारी, जम्मू में डिफेंस कैंप के पास फिर देखा गया ड्रोन, हलचल तेज

नई दिल्ली। जम्मू स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन द्वारा दो धमाके की खबर के बाद भारतीय सेना अलर्ट पर है। हालांकि इस इलाके में ड्रोन के देखे जाने का सिलसिला रुका नहीं है। बता दें कि अब बुधवार की सुबह भी जम्‍मू के कालूचक और कुंजवनी में 2 ड्रोने देखे जाने की खबर सामने आई है। इसे लेकर सुरक्षाबल सतर्क हैं। इसको लेकर सेना के सूत्रों का कहना है कि कालूचक इलाके में एक ड्रोन सुबह 4 बजकर 40 मिनट पर दिखा तो वहीं दूसरा ड्रोन कुंजवानी में 4 बजकर 52 मिनट पर देखा गया। इसमें खास बात यह है कि ये दोनों इलाके एयरफोर्स स्टेशन के 7 से10 किलोमीटर के दायरे में आते हैं। सूत्रों का कहना है कि दोनों ड्रोन 800 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे थे। इस तरह से लगातार ड्रोन देखे जाने के कारण सेना पूरी तरह सतर्क है और निगरानी रख रही है।

बता दें कि इससे पहले शनिवार की देर रात एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन द्वारा हमला कर एयरक्राफ्ट को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई थी। हालांकि इस हमले में किसी भी एयरक्राफ्ट को नुकसान नहीं पहुंचा। वहीं इस हमले के बाद सोमवार को फिर से आतंकियों ने ड्रोन के जरिए मिलिट्री स्टेशन पर भी हमला करने की कोशिश की थी। जम्मू के कालूचक मिलिट्री स्टेशन पर सुबह 3 बजे दो ड्रोन देखे गए थे। फिलहाल इसके नजर आते ही सेना अलर्ट होते हुए ड्रोन पर 20 से 25 राउंड की फायरिंग कर दी। सेना की जवाबी कार्रवाई के बाद ड्रोन वहां गायब हो गए।

वहीं जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन द्वारा हुए दो धमाकों के बाद केंद्र सरकार पूरी तरह से सतर्क नजर आ रही है। बता दें कि मंगलवार को ड्रोन के इस्तेमाल और उससे जुड़े सुरक्षा मामलों को लेकर एक मंछन बैठक हुई। यह बैठक मंगलवार की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के अलावा नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी शामिल रहे।

बता दें कि इस बैठक में रक्षा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों और हमारे सुरक्षा बलों को आधुनिक उपकरणों से लैस करने पर चर्चा हुई। वहीं ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर भी चर्चा हुई और माना जा रहा है कि कुछ जगहों पर ड्रोन के सिविल यूज पर पाबंदी लगाई जा सकती है। बता दें कि ड्रोन के सिविल यूज को लेकर एक नीति पहले से ही पाइपलाइन में है।

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