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Karnataka: दो मुस्लिम महिलाओं को कोर्ट में नमाज अदा करना पड़ा महंगा, हुई बड़ी कार्रवाई

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नई दिल्ली।  खबरों की अपनी एक अलग ही कायनात होती है, जहां मुख्तलिफ और बेशुमार मसले प्रकाश में आते हैं। इन मसलों के प्रकाश में आने के बाद कभी इनका विरोध किया जाता है तो कभी समर्थन। आज इस रिपोर्ट में हम आपको एक ऐसे ही मामले के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं, वो भी पूरे तफलीस के साथ। दरअसल, यह पूरा मामला कर्नाटक  से सामने आया है, जहां दो मुस्लिम महिलाओं ने उस जगह पर नमाज अता की है, जहां पर जज अपना फैसला सुनाते हैं, जिसका वीडियो भी प्रकाश में आया है। यह वीडियो अभी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही और लोग इस पर अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं।

बता दें कि इस वीडियो कर्नाटक यूट्यूब चैलन ने अपने फेसबुक पेज पर अपलोड भी किया था। सर्वप्रथम इस वीडियो को हिंदू जनजागृति समिति के प्रवक्ता मोहन गौड़ा ने अपने ट्विटर हैंडल अकाउंट पर साझा किया था। उन्होंने कहा था कि “मुस्लिमों ने कर्नाटक हाई कोर्ट के हॉल के अंदर नमाज अदा की। आदरणीय प्रवीण सूद (डीजीपी कर्नाटक), अरागा ज्ञानेंद्र (राज्य गृह मंत्री कर्नाटक), डॉ. संजीव एम पाटिल (डीसीपी पश्चिम बीसीपी), डीसीपी सेंट्रल बीसीपी, उच्च न्यायालय के नियमों का उल्लंघन करने वाले दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई? इस तरह से नमाज पढ़कर उच्च न्यायालय परिसर का दुरुपयोग किया जा रहा है?” वहीं, न्यायालय परिसर में दो मुस्लिम महिलाओं के नमाज अता करने के मामले को संज्ञान में लेने के उपरांत शिकायत भी दर्ज कराई गई है।

शिकायत में कहा गया है कि न्यायालय को न्याय का मंदिर माना जाता है और यहां किसी भी धर्म विशेष या संप्रदाय के लोगों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव किया जाता है। आज की तारीख में प्रत्येक व्यक्ति न्यायिक व्यवस्था पर विश्वास रखते हैं। बता दें कि अभी जो वीडियो सामने आया है, उसमें दो मुस्लिम महिलाएं नमाज अता करती हुई नजर आ रही है। जिसके बाद यह पूरा माजरा अभी खासा सुर्खियों में है। खैर, अब यह पूरा मसला आगे चलकर क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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