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Uddhav Thakerey On Maha Vikas Aghadi CM Face: ऐसा हुआ तो महाराष्ट्र के सीएम पद की दावेदारी छोड़ सकते हैं उद्धव ठाकरे!, शिवसेना यूबीटी प्रमुख ने दिए संकेत

मुंबई। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा की 288 सीटों के लिए वोटिंग होनी है। इससे पहले शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे का बड़ा बयान आया है। उद्धव ठाकरे के इस बयान से ये तय है कि वो महाविकास अघाड़ी की सरकार बनने पर सीएम बनने के लिए कांग्रेस और एनसीपी पर दबाव नहीं डालेंगे। न्यूज चैनल आजतक से बातचीत करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाविकास अघाड़ी ने सीएम फेस को लेकर कोई फॉर्मूला तय नहीं किया है, जिसे ज्यादा सीटें मिलेंगी उसका सीएम बनेगा। उद्धव ठाकरे ने ये भी कहा कि महाविकास अघाड़ी में सीएम फेस पर कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि इस बारे में कोई फॉर्मूला अब तक तय नहीं हुआ है।

उद्धव ठाकरे ने महाविकास अघाड़ी में सीटों के बंटवारे पर पहले हुई खींचतान पर कहा कि ये सिर्फ उनके गठबंधन में ही नहीं, दूसरे गठबंधनों में भी होता है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि हर गठबंधन में हर पार्टी ज्यादा सीटें चाहती है। गठबंधन इसलिए किया जाता है कि मिलकर सत्ता में आएं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि सीटों के बंटवारे के मसले पर थोड़ी खींचतान हुई, लेकिन महाविकास अघाड़ी गठबंधन नहीं टूटा। उद्धव ठाकरे ने कहा कि 2019 से पहले तक उनकी पार्टी कांग्रेस और एनसीपी के खिलाफ चुनाव लड़ती रही। पहली बार साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, तो थोड़ी खींचतान स्वाभाविक है। उन्होंने ये सवाल भी दागा कि क्या सत्तारूढ़ महायुति बता सकती है कि उनके पास जो गद्दारों की फौज है, उनमें से कौन सीएम बनेगा। उद्धव ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि हमारे यहां सीएम कौन बनेगा, इसकी चिंता करने की उनको जरूरत नहीं है।

महाराष्ट्र में एक तरफ उद्धव ठाकरे, कांग्रेस और शरद पवार का एनसीपी गुट महाविकास अघाड़ी के रूप में है। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार के एनसीपी की महायुति है। महाविकास अघाड़ी ने लोकसभा चुनाव में महायुति के मुकाबले बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। अब महायुति के नेता कह रहे हैं कि महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में जनता के सामने सभी मामले साफ हो गए हैं और महाविकास अघाड़ी को पराजय का सामना करना होगा। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। उस तारीख को दोपहर तक साफ होगा कि महायुति एक बार फिर महाराष्ट्र की सत्ता संभालती है या महाविकास अघाड़ी को फिर महाराष्ट्र की सत्ता पर बैठने का मौका जनता देती है।

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