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Eknath Shinde: 105 विधायकों के बावजूद BJP ने शिंदे को क्यों बनाया मुख्यमंत्री, इसके पीछे के मास्टरस्ट्रोक को समझिए

BJP leader Devendra Fadnavis and Eknath Shinde

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में बीते कई दिनों से जारी ड्रामा आखिरकार खत्म हो गया है। गुरुवार को उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही अपनी हार मान ली और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। आज एकनाथ शिंदे ने गोवा के बाद महाराष्ट्र पहुंचकर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के आवास जाकर मुलाकात की। जिसके बाद एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान महाराष्ट्र की सियासत को लेकर भाजपा ने बड़ा दांव चल दिया है। जिसकी कल्पना शायद किसी ने भी नहीं की थी। महाराष्ट्र की सियासत में भाजपा ने बड़ा उलटफेर कर दिया है। भाजपा ने मास्टर स्ट्रोक चलते हुए मुख्यमंत्री का नाम देवेंद्र फडणवीस का नहीं, बल्कि शिवसेना से बागी हुए एकनाथ शिंदे के नाम की घोषणा कर दी। किसी को ऐसी भी कल्पना नहीं की थी कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सीएम बनेंगे। इसकी घोषणा खुद राज्य के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने की।

हैरान करने वाली बात ये है कि जिस कुर्सी के लिए भाजपा ने शिवसेना से अपना पुराना नाता तोड़ लिया था, लेकिन आज वो कुर्सी सामने होने  के बावजूद देवेंद्र फडणवीस ने उसी गद्दी पर बैठने से मना कर दिया। इससे भी खास बात ये है कि भाजपा के पास 105 विधायक होते हुए भी खुद देवेंद्र फडवीस को सीएम क्यों नहीं बनाया? तो आपको बताते है कि आखिर भाजपा जैसी बड़ी पार्टी ने एकनाथ शिंदे को सीएम क्यों बनाया है। इसके पीछे कई सियासी मायने को जोड़कर देखा जा रहा है।

लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि आखिरकार 24 घंटे के भीतर ऐसा क्या हुआ कि भाजपा ने देवेंद्र फडणवीस की जगह एकनाथ शिंदे को सीएम बना दिया। इसके पीछे भाजपा की मजबूरी कहे या फिर मास्टर स्ट्रोक। इसके कई बड़े कारण है। भाजपा ऑपरेशन लोटस से होने वाली किरकिरी से बचना। इसके अलावा भाजपा ने शिंदे को सीएम बनाकर बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा के समर्थन का संदेश दिया। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में संदेश देने कि असली शिवसेना भाजपा के साथ है। साथ ही 2024 विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने की तैयारी करना। इसके साथ भविष्य में शिवसेना के दोनों के गुटों को एक साथ होने की संभावना को बरकार रखना।

आखिर एकनाथ शिंदे को सीएम बनने के पीछे BJP का ये है मास्टर स्ट्रोक-

1- एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बागी होने का सबसे बड़ा कारण था कि शिवसेना पार्टी के कार्यकर्ता खुद को खास तवज्जों नहीं दे रही है और उनकी जगह एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं को महत्तवता दी जा रही है। ऐसे में भाजपा ने एकनाथ शिंदे गुट को अपना साथ लेकर आई और शिवसेना के कार्यकर्ताओं को वरीयता दी।

2-एकनाथ शिंदे की उद्धव ठाकरे के वापस जाने की कोई गुंजाइश नहीं होगी।

3-एकनाथ शिंदे होंगे शिवसेना के मुख्य प्रतिनिधि, शिवसेना में उद्धव का करियर/ राजनीति यहीं खत्म।

4-शिंदे पूरे उत्साहित मूड में हैं, वह अपनी योग्यता साबित करने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत करेंगे, कि वह एक सीएम के पद के काबिल हैं।

5-शिंदे हिंदुत्ववादी नेता हैं, जहां तक ​उनकी ​विचारधारा का सवाल है, वो इससे कोई समझौता नहीं करेंगे।

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