नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी यूपीएस लाने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। केंद्र सरकार के जो भी कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम यानी एनपीएस में हैं, वे अब चाहें, तो एनपीएस या यूपीएस का चयन कर सकते हैं। यूपीएस के लिए जारी नोटिफिकेशन में केंद्र सरकार ने बताया है कि यूपीएस को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा। केंद्र सरकार ने एनपीएस के प्रति कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए यूपीएस को आकर्षक बनाया है। यूपीएस लेने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पहले के मुकाबले रिटायरमेंट पर ज्यादा फायदा होगा।
केंद्र सरकार के जो कर्मचारी यूपीएस चुनेंगे, उनको सेवा के आखिरी 12 महीनों के औसत वेतन का 50 फीसदी गारंटी वाली पेंशन मिलेगी। इसके अलावा समय-समय पर केंद्र सरकार जो भी महंगाई भत्ता घोषित करेगी, उसका लाभ भी कर्मचारियों को यूपीएस के तहत मिलेगा। हालांकि, यूपीएस चुनने वाले कर्मचारियों को किसी अन्य पॉलिसी में रियायत, पॉलिसी में बदलाव और किसी अन्य वित्तीय फायदे नहीं मिलेंगे। एनपीएस में केंद्र सरकार के कर्मचारी का 10 फीसदी और केंद्र सरकार का 14 फीसदी अंशदान हुआ करता है। यूपीएस में केंद्र सरकार कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 फीसदी अंशदान करेगी। केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारी इससे फायदा ले सकेंगे।
यूपीएस के तहत पूरी पेंशन पाने के लिए कर्मचारियों की सेवा की अवधि कम से कम 25 साल होनी चाहिए। वहीं, किसी कर्मचारी ने सिर्फ 10 साल या उससे अधिक तक नौकरी की, तो उसे कम से कम पेंशन 10 हजार रुपये दिए जाने की व्यवस्था है। कर्मचारी के निधन के बाद उसके परिवार में किसी एक योग्य सदस्य को पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा देने का यूपीएस में प्रावधान किया गया है। यूपीएस लाने से केंद्र सरकार पर 2025 में 6250 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। बता दें कि बीते कई चुनावों से सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस की मांग करते रहे हैं। एनपीएस को साल 2004 से सेवा में आने वाले कर्मचारियों के लिए लागू किया गया था।