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संसदीय समिति की बैठक को राहुल ने बताया ‘समय की बर्बादी’, तो BJP ने साझा किए ये चौंकाने वाले तथ्य

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कांग्रेस के अन्य सदस्य रक्षा मामलों पर हो रही संसदीय समिति की बैठक को बीच में ही छोड़कर बाहर निकल गए। उन्होंने इस बैठक को लेकर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि, सेनाओं को बेहतर तरीके से कैसे सुसज्जित किया जाए पर चर्चा होने के बजाय संसदीय समिति ने सशस्त्र सेनाओं की वर्दी पर चर्चा करके समय बर्बाद किया है। इस बीच गुरुवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Union Minister Prakash Javadekar) ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को संवैधानिक संस्थाओं का आदर करने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि अगर वो संवैधानिक संस्थाओं का आदर करना नहीं सीखे तो फिर लोकतंत्र में उनकी भूमिका और नगण्य होती जाएगी। प्रकाश जावड़ेकर ने राहुल गांधी के रक्षा मामलों की स्थाई समिति की बैठक का बहिष्कार करने पर करारा हमला बोला है।

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि, राहुल गांधी कल रक्षा विषय स्थायी समिति की बैठक से वॉक आउट कर गए। उनका कहना था कि महत्वपूर्ण विषयों के बदले छोटे-छोटे विषय क्यों लिए जा रहे हैं। शायद उन्हें पता नहीं कि एजेंडा तय करने की भी बैठक होती है, उस बैठक में वो अनुपस्थित थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में कुल 14 बैठक हुईं, जिसमें वो 2 ही बैठक में वो उपस्थित रहे। उनको संवैधानिक संस्थाओं के प्रति कितना आदर है? वो वॉकआउट कर गए, जैसे कि वो कोई प्रदर्शन का केंद्र है। हम इस रवैये की भर्त्सना करते है।

रक्षा मामलों पर संसदीय समिति की बैठक छोड़ बीच में वॉकआउट कर गए राहुल गांधी

बता दें कि बुधवार को राहुल गांधी के साथ ही दो अन्य कांग्रेस नेता संसदीय समिति की बैठक को बीच में ही छोड़कर चले गए थे। इस बैठक में सशस्त्र बलों की यूनिफॉर्म को लेकर बात हो रही थी। यह बात राहुल गांधी को ठीक नहीं लगी और उन्होंने बैठक को बीच में ही छोड़ दिया। राहुल गांधी के साथ दो अन्य कांग्रेसियों में राजीव सातव और रेवानाथ रेड्डी भी बाहर आ गए थे। बता दें कि इस मीटिंग में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) भी मौजूद थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चर्चा के दौरान राहुल ने बीच में ही टोंकते हुए कहा कि यूनिफॉर्म बलों के वरिष्ठ अधिकारी भी तय कर सकते हैं। राहुल द्वारा बीच में ही बोल पड़ने के चलते समिति के अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के सांसद जुअल ओरम ने उन्हें बोलने  से रोक दिया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि गांधी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूद जवानों के मुद्दे को उठाना चाहते थे।

बता दें कि खुद के रोके जाने की बात राहुल गांधी को ठीक नहीं लगी और उन्होंने बैठक को छोड़ना ही ठीक समझा। बता दें कि राहुल गांधी ने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व को राष्ट्रीय सुरक्षा और लद्दाख में चीन से लड़ रहे जवानों को कैसे मजबूत बनाया जाए जैसे मुद्दों पर बात करनी चाहिए। राहुल गांधी का आरोप ये भी है कि उन्हें इस समिति में बोलने नहीं दिया गया।

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