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Unnao Case: सीएम योगी ने लिया उन्नाव की घटना का संज्ञान, DGP से मांगी मामले की पूरी रिपोर्ट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में संदेहास्पद परिस्थितियों में दलित बहनों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मालमें राजनीतिक दलों की तरफ से सक्रियता भी बढ़ती जा रही है। मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के जनपद उन्नाव की घटना का संज्ञान लेते हुए यूपी के डीजीपी एचसी अवस्थी (DGP HC Awasthi) से इस मामले की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। यूपी मुख्यमंत्री कार्यालय से इस संबंध में एक ट्वीट भी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि, “UPCM श्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपद उन्नाव की घटना का संज्ञान लेते हुए यूपी DGP से प्रकरण की रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।” ट्वीट में कहा कि गया है, सीएम योगी ने अस्पताल में भर्ती पीड़िता का सरकारी खर्च पर बेहतर से बेहतर नि:शुल्क इलाज कराने के आदेश भी दिए हैं।”

बता दें कि इस मामले को लेकर गुरुवार को बसपा और सपा के नेताओं ने पीड़ित पक्ष के घर के बाहर धरना दिया। इसके बाद गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। विपक्ष इस मामले में लड़की को दिल्ली एयरलिफ्ट करने की मांग कर रहा है। बबुरहा गांव में जगह-जगह बैरिकेडिंग लगा दिए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। मीडिया मृतकों के परिजनों से नहीं मिल पा रही है। परिजनों को पुलिस द्वारा उठाए जाने के विरोध में ग्रमीण धरने पर बैठ गए हैं।

अपने खेत में बुधवार रात मृत पाई गईं दो दलित लड़कियों के शवों का गुरुवार को पोस्टमार्टम कराया गया। रिपोर्ट में जहर से मौत होने की पुष्टि हुई है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जहर के प्रकार का पता लगाने के लिए आगे की जांच की जा रही है। इस बीच, तीसरी लड़की का इलाज कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में चल रहा है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।


उन्नाव के जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने निजी अस्पताल को एक पत्र भेजकर सूचित किया है कि लड़की के इलाज का पूरा खर्च उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन किया जाएगा। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने इस लड़की को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली भेजे जाने की मांग करते हुए कुछ समय तक अस्पताल का घेराव भी किया। बाद में उन्हें खदेड़ दिया गया। अस्पताल में पुलिस तैनाती बढ़ा दी गई है। सूत्रों ने बताया कि जहां यह घटना हुई, स्थानीय ग्रामीणों ने धरना दिया, लेकिन पुलिस ने उन्हें वापस घर भेज दिया। पीड़िताओं के घरों के पास बैरिकेड लगाए गए हैं और शोक संतप्त परिवारों से किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा है।

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