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Uttar Pradesh: योगी सरकार के कार्यकाल में हवाई सेवाओं में फर्श से अर्श का सफर कर रहा यूपी

Yogi adityanath

लखनऊ। हवाई सेवाओं में उत्तर प्रदेश ने पिछले चार सालों में ऊंची उड़ान भरी है। अंतरराष्ट्रीय से लेकर घरेलू उड़ानों में करीब तिगुने की वृद्धि हुई है। आजादी के बाद से प्रदेश में मात्र चार हवाई अड्डे संचालित थे, लेकिन अब आठ हवाई अड्डों से 68 स्थानों के लिए उड़ानें भरी जा रही हैं। यात्रियों की संख्या में भी वर्ष 2016-17 के सापेक्ष वर्ष 2018-19 की तुलना में 27.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आने वाले समय में प्रदेश में पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट सहित कुल 21 एयरपोर्ट होंगे, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हवाई सेवाओं के विकास के संकल्प का परिणाम है। सीएम योगी ने प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में हवाई सेवा सुलभ कराने का ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 17 नए एयरपोर्ट के विकास का संकल्प लिया है। वर्ष 2017 में प्रदेश में मात्र लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और आगरा एयरपोर्ट से 25 स्थानों के लिए हवाई सेवाएं थीं। इसके तहत लखनऊ से 15, वाराणसी से आठ, गोरखपुर और आगरा से 1-1 गंतव्य के लिए हवाई सुविधा थी। योगी सरकार ने चार साल में प्रयागराज, कानपुर, हिण्डन और बरेली एयरपोर्ट को विकसित कर संचालित किया है। आज प्रदेश के आठ एयरपोर्ट से कुल 68 स्थानों के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं।

उड़ान-4 योजना के तहत प्रदेश को 18 नए रूट मिले हैं। सरकार ने रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) के तहत 34 करोड़ रुपए प्रोत्साहन स्वरूप दिए हैं। आरसीएस के तहत अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती और मुरादाबाद हवाई अड्डों का 90 से 99 प्रतिशत तक कार्य हो गया है। ऐसे ही चित्रकूट और म्योरपुर (सोनभद्र) हवाई अड्डे का कार्य इस साल जून तक पूरा हो जाएगा।

कानपुर एयरपोर्ट पर उड़ानों की सुविधा में विस्तार के लिए 48 एकड़ भूमि पर एएआई के सहयोग से नए सिविल टर्मिनल और नए 4-लेन रनवे का निर्माण किया जा रहा है। सहारनपुर जिले के सरसावा एयरपोर्ट पर सिविल इन्क्लेव के निर्माण के लिए 64 करोड़ रुपए की भूमि खरीद कर एएआई को दी गई है। झांसी और ललितपुर एयरपोर्ट का विकास भी प्रक्रियाधीन है। इन परियोजनाओं से बल्क ड्रग पार्क और डिफेंस इण्डस्ट्रियल कारिडोर के विकास को भी गति मिलेगी। सरकार की ओर से प्रदेश में 12 अन्य एयरपोर्ट का भी विकास कराया जा रहा है।

सरकार ने बहुप्रतीक्षित नोएडा इण्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जेवर को मूर्तरूप देने के लिए अपने संसाधनों से 1334 हेक्टेयर भूमि का अर्जन किया है। इसके अलावा पुनर्वासन और पुनव्र्यवस्थापन के माध्यम से 48.097 हेक्टेयर भूमि अर्जित की गई। ग्लोबल बिड के माध्यम से ज्यूरिख एयरपोर्ट इण्टरनेशनल एजी को सेलेक्टेड बिडर के रूप में चयनित किया गया है। सरकार ने जेवर एयरपोर्ट के रन-वे को दो से बढ़ाकर 05-06 करने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रथम चरण में 1364 हेक्टेयर भूमि के अर्जन की कार्यवाही की जा रही है। वर्ष 2023-24 में नोएडा एयरपोर्ट का संचालन होने पर प्रदेश को प्रति यात्री 400.97 रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।

कुशीनगर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए तैयार हो चुका है और यहां से जल्द उड़ानें शुरू होंगी। केंद्र सरकार की ओर से एयरोड्रम लाइसेंस भी मिल चुका है। प्रदेश सरकार ने 590 एकड़ भूमि खरीद कर 210 करोड़ रुपए की लागत से यह हवाई अड्डा विकसित किया है। इसके विकास से बौद्ध धर्म के अनुयायियों के साथ-साथ देश-विदेश के पर्यटकों को महात्मा बुद्ध की निर्वाण स्थली और उनसे जुड़े आस-पास के क्षेत्र में स्थित अन्य स्थलों के भ्रमण की सुविधा मिलेगी और स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन भी मिलेगा।

भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हवाई अड्डा विकसित किया जा रहा है। अयोध्या एयरपोर्ट को एयरबस-321 और बोइंग-787 विमानों के लिए विकसित करने के लिए वांछित 600 एकड़ भूमि खरीदने के लिए सरकार ने 947.91 करोड़ रुपए जारी किए हैं। अब तक 230 एकड़ भूमि खरीदी गई है।

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