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किसान आंदोलन के बीच धर्मेंद्र प्रधान को UP का चुनाव प्रभारी यूं ही नही बनाया गया, इसके पीछे टीम मोदी का ये है मास्टर प्लान

narendra modi dharmendra pradhan

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की शुरुआत में होने वाले हैं। ऐसे में राज्य में चुनावी रणनीति को धार देने के लिए आलाकमान की तरफ से अहम चेहरों को जिम्मेदारी देने की कवायद शुरू कर दी गई है। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को यूपी व‍िधानसभा चुनाव के ल‍िए पार्टी प्रभारी नियुक्त किया। ये फैसला ऐसे समय में आया है जब तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठन केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। बता दें कि राज्य में ओबीसी वोटरों पर अपनी पकड़ और मजबूत करने के लिए भाजपा ने धर्मेंद्र प्रधान को यह जिम्मेदारी दी गई है। गौरतलब है कि, धर्मेंद्र प्रधान नरेंद्र मोदी कैबिनेट में प्रमुख ओबीसी चेहरा है। ऐसे में धर्मेंद्र प्रधान को यूपी प्रभारी बनाए जाने भाजपा के लिए ठोस कदम साबित हो सकता है।

इस नियुक्ति को लेकर बीजेपी सूत्रों का कहना है कि धर्मेंद्र प्रधान रणनीतिक रूप से केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश में बीजेपी संगठन के बीच एक कड़ी का काम देखेंगे। यूपी में ओबीसी वोटरों की संख्या अधिक है। ऐसे में प्रधान को इस रणनीति का हिस्सा बनाया गया है। बता दें कि राज्य में वोटरों की कुल आबादी का 42% से अधिक का ह‍िस्‍सा ओबीसी वोटरों का है। ऐसे में धर्मेंद्र प्रधान के नाम पर भाजपा ने मुहर लगाई है।

वहीं भाजपा की तरफ से ओबीसी वोटरों पर नजर पहले से बनी हुई है। बता दें कि इससे पहले भाजपा ने 3 ओबीसी नेताओं- बीएल वर्मा (लोध), पंकज चौधरी (कुर्मी) और अनुप्रिया पटेल (कुर्मी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट जो जुलाई में बनी, उसमें शामिल किया था, जिससे यूपी के ओबीसी को व‍िशेष संदेश देने की भी कोश‍िश की गई थी।

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