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Uttar Pradesh : पढ़ रहा यूपी, बढ़ रहा यूपी, सबको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार ने किए कई उपाय

Uttar Pradesh : समर्थ तकनीकी प्रणाली से 2,96,358 दिव्यांग बच्चों का ऑनलाइन चिह्नांकन एवं नामांकन कराया गया। ऑपरेशन कायाकल्प में 82 प्रतिशत प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं को सुनिश्चित किया गया। निपुण भारत मिशन में एक वर्षीय बाल वाटिका (05 से 06 आयु वर्ग के बच्चों) के लिए शिक्षण सामग्री तथा गतिविधि आधारित शिक्षक-प्रशिक्षक मॉड्यूल का विकास किया गया।

लखनऊ। देश की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में अंतिम पायदान तक बैठे छात्र तक शिक्षा पहुंचाने की मुहिम शुरू हो चुकी है। सीएम योगी की मंशा है कि यूपी का कोई भी छात्र शिक्षा से अछूता न रहे। हर किसी तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच को सुलभ बनाया जा रहा है। इसी लक्ष्य के अनुरूप प्रदेश में शिक्षा का प्रसार भी हो रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि योगी सरकार ने शिक्षा को स्किल डेवलपमेंट के साथ जोड़ने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सीएम योगी का मानना है कि छात्र पढ़ाई के साथ-साथ स्किल्ड भी हों ताकि शुरुआत से ही उनके बहुमुखी विकास की रूपरेखा तैयार की जा सके। सीएम की इसी मंशा के अनुरूप शिक्षा के पूरे कार्यक्रम को योजनाबद्ध तरीके से बढ़ाया जा रहा है। बीते 6 वर्ष में बच्चों के लर्निंग आउटकम पर मेहनत की गई है। कोरोना के चलते डिजिटल शिक्षा पर फोकस किया गया है। कई एप के माध्यम से लोगों को शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। उच्च शिक्षा और प्राविधिक शिक्षा को रोजगारपरक बनाया गया है।

1.92 करोड़ छात्रों को वापस लाया गया स्कूल
स्कूल चलो अभियान में 1.92 करोड़ छात्र-छात्राओं का नामांकन कराया गया। छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें, यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते-मोजे एवं स्कूल बैग, स्टेशनरी उपलब्ध कराने के लिए प्रति छात्र 1200 रुपए ऑनलाइन सीधे अकाउंट में ट्रांसफर किए जाने का निर्णय लिया गया। समर्थ तकनीकी प्रणाली से 2,96,358 दिव्यांग बच्चों का ऑनलाइन चिह्नांकन एवं नामांकन कराया गया। ऑपरेशन कायाकल्प में 82 प्रतिशत प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं को सुनिश्चित किया गया। निपुण भारत मिशन में एक वर्षीय बाल वाटिका (05 से 06 आयु वर्ग के बच्चों) के लिए शिक्षण सामग्री तथा गतिविधि आधारित शिक्षक-प्रशिक्षक मॉड्यूल का विकास किया गया।

उपेक्षित क्षेत्रों में भी खुले माध्यमिक स्कूल
उपेक्षित क्षेत्रों में 39 नवीन हाईस्कूल और 14 नवीन इण्टर कालेजों का निर्माण कराया गया। 280 नवीन राजकीय इंटर कॉलेज एवं हाईस्कूल का संचालन सुनिश्चित किया गया। 41 नए इण्टर कॉलेज व 215 राजकीय हाईस्कूल तथा 77 बालिका छात्रावासों के भवन का निर्माण कराया गया। 60 नए इंटर कॉलेजों की स्वीकृति प्रदान की गई। राज्यस्तरीय कंट्रोल एवं निगरानी सेंटर में वॉयस रिकार्डिंग के साथ यूपी बोर्ड परीक्षाओं की निगरानी की निगरानी की गई। यूपी बोर्ड परीक्षाओं में उत्तर पुस्तिकाओं की शुचिता हेतु क्यूआर कोड व लोगो लगाया गया। स्कूल मैपिंग के लिए ‘पहुंच’, करियर काउन्सिलिंग के लिए ‘पंख’, ई-लाइब्रेरी के लिए ‘प्रज्ञान’, अनुश्रवण के लिए ‘परख’, कौशल प्रशिक्षण के लिए ‘प्रवीण’, विद्यालयों के लिए ‘पहचान’ एवं संसाधन मैपिंग के लिए ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ पोर्टल का विकास किया गया। वंचित समूह की छात्राओं के लिए 77 बालिका छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। ‘राज्य अध्यापक पुरस्कार’ व ‘मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार’ हेतु नवीन मानक विकसित की गई है।

विश्वविद्यालयों की बढ़ाई जा रही संख्या
15 निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना हेतु आशय पत्र निर्गत, 107 अन्य को जल्द आशय पत्र दिए जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। 119 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क विकसित किए गए हैं। 3 नए राजकीय विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा चुकी है। 78 नए राजकीय महाविद्यालयों का निर्माण कार्य गतिमान है। वहीं, 87 राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था हुई है। शैक्षणिक स्तर में सुधार हेतु 27 विश्वविद्यालयों द्वारा राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के साथ 111 अनुबंध किए गए हैं। 111 राजकीय महाविद्यालय में वैज्ञानिक एवं तकनीकी पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। यही नहीं, लखनऊ विश्वविद्यालय, गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं मेरठ विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन में ए+++ रैंक प्राप्त हुई है। उच्च शिक्षा संस्थानों में निवेश हेतु 74 निवेशकों द्वारा कुल 01 लाख 58 हजार 027 करोड़ रुपए के एमओयू हस्ताक्षरित किया गया जिससे 08.84 लाख रोजगार का सृजन होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त 172 राजकीय महाविद्यालयों में मेजर ध्यानचंद मिशन के अंतर्गत खेलकूद के स्ट्रक्चर का विकास किया गया। वहीं, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में मुफ्त ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई। पहल यूपी के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रमुख 18 एक्शनेबल प्वॉइंट्स का क्रियान्वयन किया गया। साथ ही, 100 महाविद्यालयों की रैंकिंग में सुधार किए जाने का संकल्प लिया गया। 1000 महाविद्यालयों में रोजगारोन्मुख बाजारोन्मुख पाठ्यक्रमों तथा इंटर्नशिप का संचालन किया गया।

स्मार्ट हो रही प्राविधिक शिक्षा
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के वास्तुकला एवं योजना संकाय में नए कोर्स पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन जियो इन्फॉरमेटिक्स को मंजूरी प्रदान की गई। प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं एकेटीयू के संस्थानों में 15 इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की गई। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को नैक मूल्यांकन में ए ग्रेड प्राप्त हुआ। राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में न्यू एज कोर्स डाटा साइंस एवं मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ विंग्स, साइबर सिक्योरिटी एवं ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रशिक्षण संचालित किया गया। यही नहीं, 89 पॉलीटेक्निक में लैंग्वेज लैब तथा राजकीय पॉलीटेक्निक में 43 नवीन स्मार्ट क्लास रूम स्थापित किए गए।

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