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यूपी में धर्मांतरण रोधी अध्यादेश लागू होते ही लगी मुकदमों की झड़ी, अब तक हुई 35 की गिरफ्तारी

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में लगभग एक महीने पहले ‘लव जिहाद’ (Love Jihad) को लेकर पूरे प्रदेश में धर्मांतरण रोधी अध्यादेश (Conversion ordinance) के लागू हो चुका है। इसके लागू होते ही सूबे से अबतक 35 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बता दें कि योगी सरकार के इस अध्यादेश को लागू करने का मकसद जबरन धर्म परिवर्तन को रोकना था। इस मामले में पहली गिरफ्तारी बरेली में हुई। इसके बाद तो मानों ऐसे मुकदमों की झड़ी लग गई। इस अध्यादेश के चलते एटा, ग्रेटर नोएडा, सीतापुर, शाहजहांपुर और आजमगढ़ जैसे कई जिलों में इस कानून का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस-प्रशासन ने कार्रवाई की। बता दें कि अंतर-धार्मिक विवाह (Inter-Religious Marriage) रुकवाने को लेकर लखनऊ से मामले सामने आया। 35 गिरफ्तारियों पर गौर करें तो इस कानून के तहत औसतन हर रोज एक से अधिक लोगों की गिरफ़्तारी हुई है। गौरतलब है कि 27 नवंबर को  ‘उत्‍तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश-2020’ को राज्‍यपाल की मंजूरी मिलने के बाद से पुलिस ने एक दर्जन से ज्‍यादा मुकदमे दर्ज करते हुए राज्‍य में करीब 35 लोगों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तारियों में प्रदेश के एटा से 8, सीतापुर से 7, ग्रेटर नोएडा से 4, शाहजहांपुर और आजमगढ़ से 3-3, मुरादाबाद, मुज़फ़्फरनगर, बिजनौर एवं कन्नौज से दो-दो तथा बरेली और हरदोई से एक-एक गिरफ्तारी हुई है। इतना ही नहीं सीएम योगी द्वारा लागू किए गए इस अध्यादेश के बाद से ही कुछ और राज्यों में इस तरह के कानून को लागू करने की कवायद चल रही है। जहां इस कानून को लेकर भाजपा समर्थन में खड़ी है तो वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं का दर्द है कि इससे लोगों के बेवजह परेशान किया जा सकता है।

गौरतलब है कि प्रदेश में लव जिहाद को लेकर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने खुद कहा था, ‘बहन-बेटियों का सम्‍मान नहीं करने वालों का राम नाम सत्‍य हो जाएगा।’ अब जबकि लव जिहाद को रोकने के लिए अध्यादेश आ चुका है तो ऐसे में सामाजिक कार्यकर्ता शांतनु शर्मा की आशंका है कि, ‘यह भविष्‍यवाणी करना जल्‍दबाजी होगा कि यह अध्यादेश अपने उद्देश्‍य में सफल होगा या नहीं लेकिन इसका सावधानी से प्रयोग होना चाहिए।’

वहीं इस अध्यादेश को लेकर राजनीतिक दलों की तरफ से विरोध के सुर भी देखने को मिले। सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे लेकर कहा था कि उप्र विधानमंडल में जब यह विधेयक के रूप में पेश होगा तो उनकी पार्टी इसका पुरजोर विरोध करेग। वहीं बहुजन समाज पार्टी की अध्‍यक्ष मायावती ने कहा था, ‘ लव जिहाद पर अध्‍यादेश जल्‍दबाजी में लाया गया है और यह संदेह तथा अनेक आशंकाओं से भरा हुआ है।’’

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