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Uttar Pradesh: कोरोना के काले साये से मुक्ति की ओर यूपी

UP Corona

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कोरोना के काले साये से तेजी से पूरी तरह मुक्ति की ओर अग्रसर है। एक माह से प्रतिबंधों के जकड़न में रहे राज्य की हालत अब ठीक हो रही है। इसे देखते हुए ही सरकार ने व्यवस्था बना दी है कि जिन जिलों में कोरोना के 600 से कम सक्रिय मामले होंगे, वहां आंशिक कोरोना कर्फ्यू से छूट दे दी जाएगी। अब तक 64 जिले इस श्रेणी में थे और गुरुवार को जारी रिपोर्ट के आधार पर झांसी को भी प्रतिबंधों से मुक्त कर दिया गया। इसी क्रम में पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कुल 108 लोगों की कोरोना से मौत हुई। 35 जिलों में एक भी मौत नहीं हुई। इस दौरान 19 जिलों में एक एक मुजफ्फरनगर,बुलंदशहर और जालौन में 4 -4 मौतें हुईं। 3 जिलों में तीन तीन, 7 में दो दो मौतें हुई। कानपुर नगर में सर्वाधिक 10, गोरखपुर में 9, अमरोहा में 8, प्रयागराज में 7, लखनऊ ,मेरठ और झाँसी में 6-6 लोगों की मौत हुई।

राज्य का रिकवरी रेट सुधरकर 97.4 फीसद तक पहुंच गई। गुरूवार को यह 97.1 फीसद थी। सक्रिय केसेज की संख्या में पीक से 91.8 फीसद कमी आ चुकी है। 30 अप्रैल को सक्रिय केसेज की संख्या रिकॉर्ड 3 लाख 10 हजार के करीब थे। यह घटकर 25546 तक सिमट गई। इसी तरह 24 घंटे में आने वाले संक्रमण के नए केस की संख्या घटकर 1268 पर आ गए। 24 अप्रैल को यह संख्या सर्वाधिक 38055 थी। इस तरह पीक से इसमें भी करीब 90 फीसद की कमी आ चुकी है। पिछले कई दिनों की तरह नए संक्रमण की तुलना में स्वस्थ्य होने वालों की संख्या अधिक 4260 रही।

फिलहाल यूपी में ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के फामूर्ले का प्रयोग किए जाने के कारण अब संक्रमण धीरे-धीरे काबू में आ रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने एग्रेसिव टेस्टिंग, माइक्रो कन्टेनमेंट जोन सिस्टम, गांवों में निगरानी समितियों के द्वारा किये गए माइक्रो मैनेजमेंट और ट्रीटमेंट से कोरोना नियंत्रण की रणनीति बनाई और अब ये काफी कारगर नजर आ रही है। अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकने में ट्रेसिंग-टेस्टिंग के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए यूपी ने शुरू से ही एग्रेसिव होने की नीति अपनाई है। यही कारण है कि आज प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है।

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