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Farmers Stir: कृषि कानून वापस, पराली जलाने पर मुकदमा नहीं, अब बीजेपी सरकारें करने जा रही हैं ऐसा

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नई दिल्ली। पहले कृषि कानून की वापसी। फिर पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ केस न करना। मोदी सरकार के दो एलान के बाद अब यूपी, उत्तराखंड और हरियाणा की बीजेपी सरकारें किसानों के लिए एक और बड़ा कदम उठाने जा रही हैं। ये है आंदोलन के दौरान मृत किसानों के परिजनों को मुआवजा। यूपी और उत्तराखंड समेत 5 राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में बीजेपी ये फैसला लेकर किसानों की नाराजगी दूर करने की कोशिश में जुट गई है। बीजेपी की सरकारों ने किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने का काम भी शुरू कर दिया है।

बता दें कि शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि किसानों को मुआवजा देने का फैसला संबंधित राज्यों की सरकारें करेंगी। इसके बाद ही खबर आई कि यूपी, उत्तराखंड और हरियाणा मुआवजा देने का फैसला कर सकती हैं। बता दें कि पंजाब सरकार ने मुआवजा देने का एलान पहले ही कर रखा है। ऐसे में बीजेपी किसी सूरत में कांग्रेस के गेम में फंसना नहीं चाह रही है। एक साल से चल रहे किसान आंदोलन के दौरान करीब 700 किसानों की मौत हुई है। मोदी सरकार में इसी वजह से चिंता है।

सरकार ये सोच रही है कि अगर मुआवजे की मांग न मानी गई, तो आने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बना सकता है और इससे बीजेपी के लिए किसान बहुल इलाकों में वोट हासिल करना मुश्किल होगा। इसी वजह से मुआवजा देने का अधिकार बीजेपी शासित राज्यों के सीएम को दे दिया गया है। मरने वाले ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा के हैं। ऐसे में कांग्रेस पर भी मुआवजा बढ़ाकर देने का दबाव आ सकता है और बीजेपी इसे भुना सकती है।

बता दें कि पीएम मोदी ने 19 नवंबर को तीन कृषि कानून वापस लेने का एलान किया था। जिसके बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है। किसान अब न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर कानून, मृत किसानों के लिए मुआवजा जैसी मांगों को मनवाने के लिए सरकार पर दबाव डाल रहे हैं। संसद का सत्र कल से शुरू हो सकता है। माना जा रहा है कि मोदी सरकार सत्र के दौरान किसानों से जुड़े कुछ कदमों का एलान कर सकती है।

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