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Muzaffarnagar : महापंचायत में रिपोर्टर की बात पर गुंडागर्दी पर उतारू हो गए कुछ लोग, लेकिन फिर भी पत्रकार अपनी बात टिका रहा

Abhishek updhyay

नई दिल्ली। किसानों के आंदोलन को गैर सियासी बताने वाले बीकेयू के नेता राकेश टिकैत रविवार को मुजफ्फरनगर में पूरी तरह सियासी रंग में रंगे नजर आए। इस दौरान मंच से कृषि कानूनों को लेकर बातें तो हुईं लेकिन अधिकतर जोर इस बात पर रहा कि, किस तरह से भारतीय जनता पार्टी को आने वाले चुनावों में हराना है। बता दें कि इसको लेकर टीवी9 भारतवर्ष के एंकर और रिपोर्टर अभिषेक उपाध्याय ने एक वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा कि, मंच पर भाजपा को हराने की बात अधिक हुई। हालांकि उन्होंने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें दिखाई दे रहा है कि जब अभिषेक उपाध्याय मंच की बात लाइव होकर बता रहे थे तो कुछ लोग उनके पास आए और उनपर दबाव बनाने लगे। लोगों ने अभिषेक की बात को गलत साबित करने कोशिश की लेकिन रिपोर्टर अपनी बात कर टिके रहे और उनके दबाव में नहीं आए, और अपनी कही बात पर अडिग रहे।

बता दें कि इस वीडियो को अपलोड कर अभिषेक उपाध्याय ने कैप्शन में लिखा कि, “किसान महापंचायत के मंच से बस एक नारा दिया गया कि बीजेपी सरकार को हराना है। हिंसा की चपेट में आए बगैर यही बात Live में कहना बहुत बड़ा चैलेंज था जो आखिर पूरा हुआ।”

बता दें कि इस तरह का दबाव बनाने का यह पहला मामला रविवार को देखने को नहीं मिला। इसके पहले आजतक की न्यूज एंकर चित्रा त्रिपाठी को लेकर भी किसान आंदोलन से जुड़े लोगों की बदसलूकी सामने आई थी। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दरअसल आजतक की न्यूज एंकर चित्रा त्रिपाठी इस महापंचायत को कवर करने के लिए मुजफ्फरनगर पहुंची थीं। जहां उन्हें देखते ही किसानों का आक्रोश बढ़ गया। लोगों ने उन्हें घेर लिया और गोदी मीडिया हाय-हाय के नारे लगाए। वहीं जब चित्रा त्रिपाठी वहां से जाने लगीं तो वहां मौजूद लोग उनके पीछा करते दिखाई दिए।

इसके अलावा इस भीड़ में शामिल एक शख्स मोबाइल से उनकी तस्वीर लेने की कोशिश करने लगा। वहीं महिला एंकर ने उसे रोकने की कोशिश तो की लेकिन भीड़ अधिक होने की वजह से वह उसे रोकने में परेशान दिखी। बता दें कि इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा। जिसमें भीड़ एंकर का पीछा कर रही है और उनके खिलाफ नारेबाजी कर रही है।

वैसे इन मामलों से अलग आज की बीकेयू की महापंचायत की बात करें तो लोगों का कहना है कि मंच से किसानों पर बात कम हुई लेकिन भाजपा को सत्ता से बेदखल करने को लेकर बातें अधिक हुईं।

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