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Uttar pradesh: महंत नरेंद्र गिरि केस में जांच कर रही पुलिस को मिले सुसाइड नोट उठे गंभीर सवाल, सामने आई कई बातें

नई दिल्ली। महंत नरेंद्र गिरि का संदिग्ध अवस्था में प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ में फंद से लटकता हुआ शव मिला है। जिसके बाद से उनके मौत को लेकर कयासों का बाजार गरमा चुका है। कोई इसे आत्महत्या बता रहा, तो कोई इसे संदिग्ध अवस्था में मौत बताकर गहन जांच की मांग कर रहा है। फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट चुकी है, लेकिन इस बीच जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरि का फंदे से लटकता हुआ शव मिला है, उस कमरे में सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने कई ऐसी बातें बयां की हैं, जो आने वाले दिनों में जांच में पुलिस के लिए एक अहम कड़ी साबित हो सकती है। आइए, जानते हैं कि आखिर सुसाइड में नोट में ऐसा क्या लिखा है।

दरअसल, सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने खुद के मानसिक उत्पीड़न की बात कही है। उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि पर खुद के मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। बता दें कि ये वही आनंद गिरि है, जिसके साथ महंत नरेंद्र गिरि का लंबा विवाद चला था। पहले विवाद और फिर सुसाइड में आनंद गिरि पर लगा ये आरोप। ये सारी बातें कई सवालें खड़ी करती हैं। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइ नोट लिखा है कि, ‘मैं सम्मान के बगैर नहीं जी सकता हूं’। लेकिन, इस पूरे मसले को लेकर किसी भी निर्णय पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। उधर, पुलिस ने मामले की गहन तफ्तीश करने हेतु शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार है। तभी स्थिति पूर्णत: साफ हो पाएगी। फिलहाल तो यह पूरा मसला हत्या और आत्महत्या के बीच उलझता हुआ नजर आ रहा है।

आनंद गिरि का क्या कहना है
आनंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध अवस्था में हुई मौत पर कहा कि, ‘कुछ लोग मेरे और महंत नरेंद्र गिरि के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे थे। मेरी और महंत नरेंद्र गिरी के बीच दरार पैदा करने की कोशिश की जा रही थी। मेरी बीते दिनों में नरेंद्र गिरि जी बात भी हुई थी। वे पूरी तरह से स्वस्थ्य हो चुके थे। उन्होंने कोरोना को भी मात दे दिया था। लिहाजा, मेरी पुलिस से अपील है कि इस पूरे मामले की गहन जांच की जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सकें।

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