News Room Post

Uttrakhand: बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में जाने पर बवाल, महिला नेता ने खोला मोर्चा, क्या पंजाब बनेगा उत्तराखंड?

punjab UK

नई दिल्ली। हाल में उत्तराखंड के दो बीजेपी नेता कांग्रेस में शामिल हुए थे। जिसमें एक पूर्व मंत्री यशपाल आर्य और दूसरे उनके ही पुत्र संजीव आर्य थे। कांग्रेस में इन्हें शामिल कराकर नेता बीजेपी को बड़ा झटका बता रहे थे लेकिन मामला उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है। यशपाल आर्य और उनके पुत्र के कांग्रेस में शामिल होते हुए बवाल मच गया है। भड़के कांग्रेस के नेता अब पार्टी छोड़ने तक की बात कर रहे हैं! तो क्या अब उत्तराखंड में कांग्रेस में भी सियासी तूफ़ान आने वाला है। दरअसल यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव आर्य के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस में इनका विरोध हो रहा है। विरोध करने वाली कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य हैं, जो अब खुलकर अपनी ही पार्टी के नेताओं के फैसले का विरोध कर रही हैं।

यशपाल की एंट्री से उत्तराखंड कांग्रेस में बवाल 

सरिता आर्य ने  2017 विधानसभा चुनाव में नैनीताल सीट से संजीव आर्य के खिलाफ चुनाव लड़ी थी। हालांकि इस चुनाव में सरिता 7 हजार से ज्यादा वोटों से हार गयीं थी। अब चुनाव से पहले संजीव अपने पिता के साथ कांग्रेस में आ गए तो ​सरिता ने विरोध शुरू कर दिया है। सरिता ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी भड़ास भी निकाली है। सरिता आर्य ने ट्विटर पर लिखा है कि उत्तराखंड में जो आज राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है, उस परिपेक्ष में कांग्रेस पार्टी में निष्ठां पूर्वक व् समर्पित भाव से एक महिला कार्यकर्ता होने के नाते पार्टी कि विपरीत परिस्तिथियों में पार्टी को मजबूत करने के लिए सड़क से विधानसभा तक संघर्ष किया| दुखी मन से, व्यक्तिगत तौर पर मेरे पास बहुत से विकल्प खुले है। अतिशीघ्र अपनों के साथ विचार विमर्श कर पर्दे के पीछे का खेल न खेलकर सार्वजनिक रूप से निर्णय लूंगी। सरिता के इस पोस्ट के बाद कई बातें साफ हो जाती हैं कि सरिता आर्य ने पार्टी छोड़ने की धमकी दे दी है। वो पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने और फिर चुनाव से पहले कांग्रेस में वापसी करने वाले यशपाल आर्य और संजीव आर्य की एंट्री से खुश नही हैं। वहीं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यशपाल शर्मा और संजीव शर्मा की कांग्रेस में वापसी को चमत्कार बता रहे हैं। जिसके बाद उत्तराखंड कांग्रेस में चल रहा है उससे ये तो साफ़ है कि आने वाले दिनों में नया राजनैतिक बवंडर आ सकता है।

पहले कांग्रेस, फिर बीजेपी और अब घरवापसी 

दरअसल यशपाल आर्य पहले से ही कांग्रेसी नेता रहे हैं। उत्तराखंड में साल  2017 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले यशपाल आर्य कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चल गये थे। इसके पीछे हरीश रावत को वजह बताया गया था लेकिन अब कांग्रेस में दोबारा वापसी करवाकर हरीश रावत इसका श्रेय लेना चाहते हैं। इसी से संबंधित उनका एक ट्वीट भी सामने आया है। हरीश रावत ने लिखा कि रेफरी फाऊल खेलने लग जाय तो क्या कहना चाहिए। राजनीति में जाने के लिए भी बहाना चाहिये, आने के लिए भी माध्यम चाहिये। जाने वाले जिसको बहाना बनाकर गये, आते वक्त वही व्यक्ति रास्ता बन जाय तो इससे बड़ा चमत्कार क्या हो सकता है, इसलिये कहा गया है चमत्कार को नमस्कार।

दरअसल उत्तराखंड कांग्रेस में दो गुट हैं, एक हरीश रावत का तो दूसरा है प्रीतम सिंह का। ऐसा कहा जा रहा है कि यशपाल की एंट्री से प्रीतम सिंह का गुट मज़बूत हुआ है और यशपाल की घर वापसी में भी प्रीतम सिंह का ही हाथ है। लेकिन यशपाल की वापसी का श्रेय हरीश रावत लेना चाहते हैं। दोनों के समर्थक सोशल मीडिया पर भी एक्टिव हैं और जमकर अपने-अपने गुट का समर्थन कर रहे हैं। इन सारे घटनाक्रम को समझने और देखने के बाद ऐसी आशंका से इंकार नही किया जा सकता है कि अभी अंदर ही अंदर चल रही गुटबाजी कब बवंडर में बदल जायेगी।

Exit mobile version