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BAPS: नारायण सरोवर चाणसद का हुआ लोकार्पण

नई दिल्ली। ब्रह्म स्वरूप प्रमुखस्वामी महाराज ने समग्र विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रचार और प्रसार करके सनातन धर्म की ख्याति बढ़ाई। वडोदरा जिल्ले के पादरा तहसील का चाणसद गाँव उनकी प्राकट्य भूमि है। उनके प्राकट्य स्थान चाणसद में उनकी बाल्यावस्था तथा शैशव काल के 18 वर्ष की जल क्रीड़ा सहित के संस्मरण को साढे आठ दशकों से जीवंत रखने वाले प्रासादिक सरोवर का राज्य सरकार के गुजरात प्रवासन निगम तथा परम पूज्य महंतस्वामी महाराज की प्रेरणा से बी.ए.पी.एस. संस्था के द्वारा संयुक्त प्रयासों से कायाकल्प किया गया है। जिसका दिनांक 9 अप्रैल रविवार को गुजरात राज्य के माननीय मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल तथा संस्था के सद्गुरु संत पूज्य भक्तिप्रिय स्वामी एवं पूज्य ईश्वरचरण स्वामी की पावन उपस्थिति में लोकार्पण किया गया।

वडोदरा की नैॠत्य दिशा में आए चाणसद गांव में एक शताब्दी पहले प्रकट हुए शांतिलाल ने गुरु की एक पत्ररूपी आज्ञा को शिरोधार्य करके साढे आठ दशकों पहले वसुदेव कुटुंबकम को चरितार्थ करने के लिए परिवार तथा गांव का त्याग किया। उस के पूर्व की उनकी जल क्रीडा के संस्मरणों को संग्रहित कर रहे दो लाख वर्ग फूट में फैले हुए इस नारायण सरोवर की 1 किलोमीटर लंबी परिक्रमा में सो वर्ग फुट की एक ऐसी अट्ठारह घुम्मटीयां बाल शांतिलाल के 18 वर्ष के चाणसद के निवास के प्रतीक रूप है। यहां शास्त्रोक्त गुरु महिमा प्रसारित करते भजन साखीयों की सुरावली के साथ रंग बिरंगी रोशनी से जगमगाता जलप्रपात Water Curtain दर्शनार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहेगा।

इसके उपरांत सरोवर के अंदर अलग-अलग सात स्थलों से ध्वनि के सुमधुर सुरताल के साथ प्रदर्शित संगीतमय फव्वारे ध्यान आकर्षक लगते हैं। सरोवर के पश्चिम किनारे पर महिला एवं पुरुषों के लिए दो अलग अलग ऐसे 3000 वर्ग फुट क्षेत्रफल के स्नान घाट हैं। जिस में इस सरोवर की तरफ पारदर्शक कांच होने के कारण तथा स्नान घाट और सरोवर के पानी का स्तर एक समान होने के कारण विकसित देशों में होता है उस प्रकार इंफिनिटी पूल की अनुभूति कराएंगे। दो स्नान घाट के बीच की 4000 वर्ग फुट की जगह अर्थात प्रमुखस्वामी महाराज की “दूसरों के भले में हमारा भला है” की जीवन भावना को अंजलि देने के लिए भक्तजन ‘स्व’ के लिए नहीं परंतु ‘पर’ के लिए संकल्प प्रार्थना कर सके ऐसी जगह है। साथ ही बच्चों के आनंद के लिए 5000 वर्ग फुट में विस्तृत शांति क्रीडांगण आकर्षण का केंद्र है। चाणसद में प्रवेश के मुख्य मार्ग से दृश्य मान होने वाले प्रमुखस्वामी महाराज के प्राकट्य स्थान में जाने के लिए घूम कर जाने वाले दर्शनार्थियों के लिए सरोवर में ही निर्माण किए हुआ सारंग द्वार से प्राकट्य स्थान तक 400 फुट लंबा प्रमुख सेतु भक्तजनों को आह्लादकता की अनुभूति करा रहा है।

संध्या समय में प्राकट्य स्थान की महाआरती और उसके बाद रोशनी से जगमगाते समग्र परिसर की दिव्यता और भव्यता देखने के लिए दर्शनार्थी हमेशा आकर्षित रहेंगे। प्रमुखस्वामी महाराज के जीवन की झांखी कराती फिल्म देखने के लिए वीडियो थिएटर, चित्र प्रदर्शनी जैसे अनेकविध अतिआधुनिक टेक्नोलॉजी के आयामों के द्वारा भाविक मंत्रमुग्ध हो जाए ऐसा यह प्रसादिक नारायण सरोवर आज से जाहिर जनता के लिए खुला रखा गया है। इस प्रसंग पर प्रासंगिक उद्बोधन करते हुए माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र भाई पटेल ने समग्र विश्व में भारत की अस्मिता उजागर करने वाले पूज्य प्रमुखस्वामी महाराज के प्राकट्य स्थान के दर्शन कर के धन्यता का अनुभव होने का भी बताया था।

प्रासंगिक उद्बोधन के दौरान पूज्य ब्रह्मविहारी स्वामीजी ने पूज्य प्रमुखस्वामी महाराज के संस्मरणों को याद किया था तथा आज के इस लोकार्पण कार्यक्रम में खास उपस्थित रहने वाले माननीय मुख्यमंत्री श्री का संस्था की ओर से आभार प्रकट किया था। पूज्य सद्गुरु संतों ने भी प्रासंगिक उद्बोधन किया था। इस शुभ प्रसंग पर राज्य के विधानसभा के मुख्य दंडक श्रीबालूभाई शुक्ला, पादरा के विधायक श्रीचैतन्यसिंह झाला और राज्यसभा के सभ्य श्रीनरहरिभाई अमीन तथा शहर एवं जिले के अनेक महानुभाव उपरांत संस्था के वरिष्ठ संत पूज्य ब्रह्मविहारी स्वामी तथा अटलादरा मंदिर के कोठारी स्वामीजी के साथ बड़ी संख्या में पूज्य संत भी उपस्थित रहे थे।

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