नई दिल्ली। हरियाणा में स्थानीय निकाय चुनाव कराने को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में भाजपा की राज्यस्तरीय बैठक को लेकर शनिवार को कई प्रदर्शनकारी किसानों ने सड़क जाम करने की स्थिति बना दी। यहां स्थिति इस तरह की बनी कि किसानों ने उग्र रूप धारण कर लिया और पुलिस पर हथियार से वार करने लगे। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस उग्र रुप को देखते हुए पुलिस की तरफ से किसानों को वहां से हटाने के लिए बल प्रयोग किया गया। वहीं इसको लेकर और जानकारी देते हुए एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर नवदीप विर्क का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वो इस घटना के बारे में बता रहे हैं। बता दें कि पुलिस ने करनाल की ओर जाते किसानों को रोकने और उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसमें कम से कम 10 प्रदर्शनकारी घायल हो गए। दरअसल भाजपा की होने वाली बैठक को रोकने के लिए और किसानों के खिलाफ बल प्रयोग के विरोध में भारतीय किसान संघ (हरियाणा इकाई) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने राज्य में सभी राजमार्गो को अवरुद्ध करने का आह्वान किया था।
कस्सी से पुलिस के जवानों पर जानलेवा हमला करता, मासूम और लूटापिटा किसान। pic.twitter.com/QVYtsRMLDR
— Jawahar Yadav (@jawaharyadavbjp) August 28, 2021
वहीं किसानों पर बल प्रयोग करने को लेकर सामने आए एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर नवदीप विर्क के वीडियो में उन्होंने कहा है कि, 28 अगस्त को करनाल में बसताड़ा टोल प्लाजा पर जो घटना हुई है, उसको लेकर तथ्य ये है कि सुबह करीब 12 बजे वहां कुछ किसान प्रदर्शनकारी मौजूद थे, उन्होंने जबरदस्ती नेशनल हाईवे को जाम किया और करनाल शहर की तरफ जाने की कोशिश की। जब पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने उग्र रूप ले लिया। इसके बाद कुछ उग्र किसानों ने पुलिस पर कस्सी से हमला बोल दिया।
एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर नवदीप विर्क ने जानकारी दी कि, उग्र किसानों पर पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए उनपर हल्का बल प्रयोग किया। इस मामले में मिली जानकारी के मुताबिक 4 किसानों को चोट आई है और 10 पुलिसकर्मियों को भी चोट आई है।
सुनिए एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर नवदीप विर्क ने क्या कहा
करनाल में किसानों का उग्र प्रदर्शन, पुलिस-किसानों के बीच भिड़ंत; हरियाणा के ADGP ने बताया पूरा मामला pic.twitter.com/0OSD1Ugnw6
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) August 28, 2021
नवदीप विर्क ने बताया कि 7 जून 2021 को टोहाना में संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेताओं के साथ हमारी बातचीत हुई थी। उन्होंने हमें लिखित रूप से हमें आश्वासन दिया था कि, आगे से हम उग्र तरीका नहीं अपनाएंगे और शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे। लेकिन उसके बाद कई ऐसी घटनाएं सामने आईं है, जिसमें उन्होंने उग्र रूप अपनाया है, ऐसे में पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि लॉ एंड ऑर्डर बरकरार रखा जाए।