तिरुवनंतपुरम। आमतौर पर मॉनसून 1 जून को केरल में दस्तक देता है, लेकिन 16 साल बाद ये जल्दी केरल पहुंचने वाला है। भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी है कि इस बार 25 मई को ही मॉनसून केरल पहुंच जाएगा। पिछले 2 दिन से केरल के तमाम इलाकों में काफी बारिश भी हो रही है। पिछले साल यानी 2024 को मॉनसून 30 मई को केरल पहुंचा था। अगर मॉनसून 25 मई को केरल पहुंच जाएगा, तो इस बार पश्चिम और उत्तर भारत के बड़े इलाके में जल्दी ही मॉनसून की बारिश शुरू होने की संभावना बनेगी। बता दें कि बंगाल की खाड़ी से होकर मॉनसून की हवाएं पहले ही पूर्व और पूर्वोत्तर में पहुंच चुकी हैं।
इससे पहले साल 2001 और 2009 में मॉनसून 23 मई को केरल पहुंच गया था। जबकि, साल 1918 में 11 मई को ही मॉनसून केरल पहुंचा था। साल 2016 में मॉनसून देर से केरल में दाखिल हुआ था। उस साल 9 जून से केरल में मॉनसून की बारिश शुरू हुई थी। इससे पहले भारतीय मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की थी इस साल 27 मई तक केरल में मॉनसून की बारिश शुरू हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक 2024 की तरह इस साल भी भारत में औसत से ज्यादा बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक जून से सितंबर तक 70 फीसदी बारिश होती है। अक्टूबर से पहले मॉनसून की वापसी हो जाती है। रबी की फसल की बोआई मॉनसून की बारिश पर ही टिकी रहती है।
पिछले साल से ला नीना का असर देखा जा रहा है। ला नीना के असर से समुद्र की सतह खासकर प्रशांत महासागर का तापमान जमीन के मुकाबले ज्यादा हो जाता है। इससे गर्मी भी काफी पड़ती है और बारिश भी ज्यादा होती है। जबकि, एल नीनो का जब असर रहता है, तो समुद्र की सतह का तापमान जमीन से कम हो जाता है। इससे बारिश और गर्मी दोनों ही कम होती हैं। ऐसे में एल नीनो के प्रभाव के कारण ही मॉनसून पिछली बार की तरह जल्दी केरल पहुंचा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि उत्तर भारत में 25 से 30 जून तक मॉनसून की बारिश शुरू होगी।