हैदराबाद। आंध्र प्रदेश की एक अदालत ने वेबसाइट ‘द वायर’ के खिलाफ वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक की ओर से दाखिल 100 करोड़ के मानहानि केस में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने द वायर, इसके संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन, एसआर भाटिया, एमके वेणु और अन्य पर भारत बायोटेक के खिलाफ खबरें छापने की रोक लगा दी है। भारत बायोटेक ने अपनी कोवैक्सीन के खिलाफ लगातार द वायर में खबरें छपने पर वेबसाइट के खिलाफ मानहानि का केस कराया था। कंपनी ने आंध्र प्रदेश की अदालत में द वायर चलाने वाली कंपनी फाउंडेशन फॉर इंडीपेंडेंट जर्नलिज्म, सिद्धार्थ वरदराजन, एसआर भाटिया, एमके वेणु, नीता सांघी, एम. वासुदेवन, शोभन सक्सेना, फ्लोरेंसिया कोस्ता, पीए मुरुगन, बनजोत कौर, प्रियंका पुल्ला, सिराज अली और जेएन राव के खिलाफ केस किया है।
भारत बायोटेक के वकील विवेक रेड्डी ने कोर्ट को बताया कि वेबसाइट द वायर ने भारत बायोटेक और कोवैक्सीन के खिलाफ दुष्प्रचार किया और गलत आरोप लगाए। उन्होंने कोर्ट में कहा कि इससे भारत बायोटेक की इज्जत पर दांव लगा है। बता दें कि भारत बायोटेक ने देसी कोरोना वैक्सीन बनाई है और इसे दुनियाभर में इस्तेमाल किया जा रहा है। इस वैक्सीन की कोरोना से लड़ने की ताकत पर द वायर में लगातार कई खबरें छापकर सवाल खड़े किए गए थे। ये पहला मौका नहीं है, जब द वायर पर सवाल उठे हैं। इससे पहले भी लगातार सरकार के कदमों के खिलाफ और देशविरोधी ताकतों के पक्ष में उसके खड़े होने के आरोप लगते रहे हैं।
द वायर के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन पर ये आरोप भी लगता रहा है कि वो विदेश के भारत विरोधी तत्वों से चंदा लेकर वेबसाइट पर मोदी सरकार के विरोध में खबरें चलाते हैं। इस वेबसाइट को नक्सलियों का साथी भी बताया जाता रहा है। जो भी नक्सली नेता गिरफ्तार हुए हैं और जेल में हैं, उनके पक्ष में भी द वायर में खबरें छपती रही हैं। सीएए के खिलाफ हुई हिंसा के दौरान भी द वायर में एकपक्षीय खबरें दिखी थीं।
[BREAKING] In a 100 CRORE defamation case filed by BHARAT BIOTECH, Andhra Court ordered taking down of 14 articles on @thewire_in and restrained
1)THE WIRE
2) Siddharth Vardarajan
3) SR Bhatia
4) M.K. Venu &othersFrom publishing DEFAMATORY articles relating to @BharatBiotech pic.twitter.com/S5NL8E34XL
— Bar & Bench (@barandbench) February 23, 2022