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Punjab: क्या पंजाब में AAP के चुनावी वादे थे जुमला?, बिजली दरों पर राहत की बजाय, जनता की बढ़ा दी परेशानी

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नई दिल्ली। पंजाब विधानसभा चुनाव में इस बार बड़ा सत्ता परिवर्तन देखने को मिला। राज्य की जनता ने इस बार के चुनाव में इतिहास बदल दिया। क्योंकि जनता ने इस बात ना तो भाजपा को चुना, ना ही कांग्रेस पार्टी को और ना ही अकाली दल को बल्कि सूबे की जनता ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर भरोसा जताया और उसे सत्ता पर विराजमान भी करवाया। लोगों को ये लग रहा था कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद प्रदेश में खुशहाली का माहौल आएगी। क्योंकि चुनाव के दौरान सरकार की तरफ से लोगों के हित के लिए एक नहीं बल्कि अनेक वादे किए गए थे। सत्ता पर विराजमान होने से पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जनता से कई लोक-लुभावने वादे करते हुए दिल्ली की तर्ज पर फ्री बिजली, गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा और रोजगार के मुद्दा उठाया था। मगर सत्ता में काबिज होने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान प्रदेश में अभी तक कोई खास बदलाव तो होता नहीं दिखा। जब से राज्य में मान सरकार आई है राज्य में कानून व्यवस्था खराब होते दिख रही है। इसके अलावा कई शहरों में पानी की किल्लत की बात सामने आ चुकी है। इसी बीच अब मान सरकार ने लोगों को बिजली का जोरदार झटका दिया गया है।

दरअसल, पंजाब की पिछली यानी चरनजीत सिंह चन्नी सरकार की तरफ से 7 किलोवाट लोड तक वाले घरेलू खपतकारों के लिए बिजली दरों में 3 रुपए प्रति यूनिट की जो कटौती की गई थी लेकिन सरकार बदलने के साथ ही अब वो दौर भी खत्म हो गया है साथ ही 1 अप्रैल से घरेलू खपतकारों को महंगी बिजली मिलनी शुरू हो गई है। बता दें, इस बार पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी आयोग की तरफ से टैरिफ आर्डर ऐलान करते समय ये कहा गया है कि बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है, ये तो पिछले साल वाली ही हैं। ध्यान हो कि जब चन्नी सरकार ने बिजली दरों में कटौती की थी तो उन्होंने सीधे पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड (पावरकाम) को ही आदेश जारी किए थे। उस वक्त पावरकाम ने बिजली रेगुलेटरी आयोग से किसी तरह की कोई अनुमति नहीं ली गई थी और सीधा ही विभागीय सर्कुलर निकाल कर बिजली दरों में 3 रुपए प्रति यूनिट की कटौती लागू कर दी थी। चन्नी सरकार ने ये सस्ती बिजली 31.3.22 तक ही खपतकारों को दी गई है।

अब क्या है नया आर्डर

नए आर्डर मुताबिक, अब 7 किलोवाट तक लोड वाले खपतकारों के लिए बिजली दर 100 यूनिट पर 3.74 रुपए प्रति यूनिट, 100 से 300 यूनिट तक 5.84 रुपए प्रति यूनिट और 300 यूनिट से ज्यादा वालों के लिए 7.30 रुपए प्रति यूनिट निर्धारित की गई है। रेगुलेटरी कमिशन ने इन दरों को लगाते समय तर्क ये दिया है कि ये पिछले साल वाली ही दरें हैं। हालांकि जब इस मामले में पंजाब राज्य बिजली रेगुलेटरी कमिशन के चेयरमैन विशवजीत खन्ना के साथ बात की तो उन्होंने भी इसी राग को अलापा की हमने दरों में कोई वृद्धि नहीं की, दरें पिछले साल वाली हैं। वहीं अब नई दरों के लागू होने के बाद टैक्स मिलाकर ये काफई मंहगी हो जाएगी।

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