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West Bengal: ममता बनर्जी की मुश्किल और बढ़ी, CBI ने जांच के बाद किया TMC के खिलाफ बड़ा खुलासा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा की घटनाओं की जांच कर रही सीबीआई ने एक खुलासा कर राज्य की सीएम ममता बनर्जी के लिए मुश्किल और बढ़ा दी है। बता दें कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस TMC की चीफ ममता बनर्जी, उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी और पार्टी के तमाम नेताओं ने दावा किया था कि राज्य में चुनाव बाद हिंसा की घटनाओं को बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है। जबकि, अब सीबीआई ने दावा किया है कि राज्य में हुई हिंसा में मर्डर के सिर्फ 36 मामले ही नहीं हैं, बल्कि और 41 मामले भी हत्या के हुए हैं। इन मौतों को राज्य पुलिस ने संदिग्ध माना था। सीबीआई की टीम ने कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर हत्या और रेप की जांच शुरू की है। जांच एजेंसी ने 9 टीमें बनाई हैं। ऐसी ही एक टीम कृष्णनगर में पलाश मंडल के घर भी पहुंची थी। पलाश मंडल को कथित तौर पर पीटने के बाद टीएमसी कार्यकर्ताओं ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके अलावा सीबीआई की दूसरी टीम कांकुड़गाछी में बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार के परिजनों से भी मिलने गई। सीबीआई ने अब तक बंगाल हिंसा मामले में 11 केस दर्ज किए हैं। ये मामले राज्य के विभिन्न थानों में दर्ज थे।


हिंसा के मामलों की पहली एफआईआर नदिया जिले के गंगनापुर थाने में दर्ज हुई थी। इसमें लाठी और धारदार हथियारों से हमला करने की शिकायत 12 टीएमसी कार्यकर्ताओं के खिलाफ की गई। जबकि, 4 जुलाई को बांकुड़ा जिले के कोतुलपुर थाने में 3 और नदिया के ही छपरा थाने में 14 मई को 8 टीएमसी कार्यकर्ताओं पर दर्ज की गई थी। इसी तरह हमले का केस बांकुड़ा जिले के ही इंडस थाने में दर्ज हुई। यहां पीड़ितों ने घरों में घुसकर हमला करने और बमबाजी के साथ ही रेप और अगवा करने के बाद हत्या की शिकायत दर्ज कराई थी।

अन्य केस मुर्शिदाबाद के नवग्राम, कोलकाता के नारकेलडांगा, उत्तरी 24 परगना के भाटपाड़ा, कूचबिहार जिले के तूफानगंज नदिया के कोतवाली थाना और बर्दवान पश्चिम के केतुग्राम थाने और दक्षिणी 24 परगना के उस्ठी थाने में भी दर्ज किए गए थे। हर केस हत्या, रेप, जान लेने के मकसद से हमले और धमकी देने का है। बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने सभी मामलों में मुआवजा देने का निर्देश ममता बनर्जी सरकार को दिया है।

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