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Manipur Violence: उग्रवादियों के खिलाफ क्या बड़ा कदम उठाने वाली है मणिपुर सरकार?, CM बीरेन सिंह करने वाले हैं कोई कड़ा फैसला..

Manipur Violence: मणिपुर बीते 18 महीनों से जातीय संघर्ष और हिंसा की चपेट में है। राज्य में बढ़ते तनाव और संकट के बीच, केंद्र सरकार ने हाल ही में छह इलाकों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) को फिर से लागू कर दिया। इस कदम के बाद इंफाल घाटी में विरोध प्रदर्शनों की नई लहर शुरू हो गई है। हत्या की यह घटना 11 नवंबर को शुरू हुई, जब छह लोग जिरीबाम स्थित विस्थापितों के शिविर से लापता हो गए थे। यह शिविर सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद बनाया गया था। इस मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए थे।

नई दिल्ली। मणिपुर में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों द्वारा छह लोगों की निर्मम हत्या का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे मानवता के खिलाफ अपराध बताया है। उन्होंने दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर न्याय के कटघरे में लाने का आश्वासन दिया है।

महिलाओं और बच्चों की हत्या पर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

राज्य में हाल ही में हुई हिंसा के बीच, मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने इस घटना को जघन्य करार देते हुए कहा कि तीन महिलाओं और बच्चों की हत्या करने वालों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इन शवों को जिरीबाम जिले में एक नदी से बरामद किया गया।

सीएम ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा, “आज, मैं गहरे दुख और गुस्से के साथ कुकी आतंकवादियों द्वारा जिरीबाम में बंधक बनाए गए तीन मासूम बच्चों और तीन महिलाओं की भयानक हत्या की निंदा करता हूं। ऐसी बर्बरतापूर्ण हरकतों के लिए किसी भी सभ्य समाज में कोई जगह नहीं है। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि इन आतंकवादियों को उनके अमानवीय कृत्यों के लिए जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।”


क्या है पूरा मामला?

मणिपुर बीते 18 महीनों से जातीय संघर्ष और हिंसा की चपेट में है। राज्य में बढ़ते तनाव और संकट के बीच, केंद्र सरकार ने हाल ही में छह इलाकों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) को फिर से लागू कर दिया। इस कदम के बाद इंफाल घाटी में विरोध प्रदर्शनों की नई लहर शुरू हो गई है। हत्या की यह घटना 11 नवंबर को शुरू हुई, जब छह लोग जिरीबाम स्थित विस्थापितों के शिविर से लापता हो गए थे। यह शिविर सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद बनाया गया था। इस मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए थे।

विरोध प्रदर्शन और सुरक्षा का माहौल

राज्य में जारी जातीय संघर्ष और ताजा हिंसा के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अफस्पा लागू करने के फैसले ने जनआक्रोश को और तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सरकार दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने घटना को मानवता के खिलाफ अपराध बताते हुए कहा कि राज्य में शांति और सुरक्षा बहाल करना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। तलाशी अभियान जारी है, और जल्द ही दोषियों को कानून के सामने पेश किया जाएगा।

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