नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के बाद केंद्र सरकार ने अमेरिका में बनने वाली बोरबॉन व्हिस्की पर कस्टम ड्यूटी में कमी की है। केंद्र सरकार ने बोरबॉन व्हिस्की पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी 50 फीसदी कम कर दी है। इससे पहले बोरबॉन व्हिस्की पर 100 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगती थी। कस्टम ड्यूटी में 50 फीसदी कमी किया जाना भारत में व्हिस्की के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है। वे अब कम पैसा खर्च कर बोरबॉन व्हिस्की पी सकेंगे। भारत ने 2023-2024 में 2.5 लाख लीटर बोरबॉन व्हिस्की का अमेरिका से आयात किया था।
बोरबॉन व्हिस्की इसलिए खास मानी जाती है, क्योंकि ये एक बैरल एज्ड शराब है। यानी इसे तैयार कर लकड़ी के बैरलों में कई साल तक रखा जाता है और फिर बॉटलिंग की जाती है। बोरबॉन व्हिस्की को मक्का से बनाया जाता है। दुनियाभर में शराब के शौकीनों के बीच बोरबॉन व्हिस्की काफी लोकप्रिय है। बोरबॉन व्हिस्की के अलावा केंद्र सरकार ने विदेश से आयात होने वाली किसी भी और शराब पर कस्टम ड्यूटी में कोई रियायत नहीं बरती है। विदेश से आयातित शराब पर केंद्र सरकार 100 से 150 फीसदी तक कस्टम ड्यूटी वसूलती है।
अगर बोरबॉन व्हिस्की की कीमत की बात करें, तो भारत में इसके अलग-अलग ब्रांड 2500 से लेकर 8000 रुपए तक मिलते हैं। अब केंद्र की तरफ से कस्टम ड्यूटी में कटौती से इसकी कीमत में काफी कमी देखने को मिलेगी। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को अधिसूचना जारी कर बोरबॉन व्हिस्की पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी घटाई है। इससे बोरबॉन व्हिस्की की कीमत आधी कम हो जाएगी। भारत में अमेरिका के अलावा इटली, फ्रांस और ब्रिटेन से भी शराब आयात की जाती है। जिनकी बोतलों की कीमत हजारों में होती है। भारत में 30 फीसदी से भी ज्यादा लोग शराब के शौकीन हैं। यहां तक कि कोरोना महामारी के दौरान भी भारत में शराब की दुकानों पर लोगों की लंबी कतारें देखी गई थीं।