नई दिल्ली। मध्य प्रदेश वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री के बारे में तो आपने सुना ही होगा। किसी ना किसी मसले पर उनके द्वारा दिए गए बयान आए दिन अखबारों की सुर्खियां बनते ही रहते हैं। कुछ लोग उनके बयान का विरोध करते हैं, तो कुछ समर्थन करते हैं। संभवत: अब आप इतना सबकुछ पढ़ने के बाद मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि आप इस तरह की भूमिका रचाने पर मशगूल हो गए हैं। आखिर माजरा क्या है? जरा कुछ खुलकर बताएंगे, तो चलिए आगे कि रिपोर्ट में हम आपको इसके बारे में सबकुछ तफसील से बताते हैं।
जानिए पूरा माजरा
दरअसल, बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने सनातन धर्म के संदर्भ में अपने विचारों को कलमबद्ध किया है। सरल शब्दों में कहें तो उन्होंने सनातन धर्म पर एक पुस्तक लिखी है, जिसका शीर्षक है ‘सनातन धर्म क्या है’? यह पुस्तक अभी खासा सुर्खियों में है। दिल्ली के Constitution Club में आज उनके द्वारा लिखी गई इस पुस्तक का विमोचन हुआ जिसमें सभी गणमान्य शामिल हुए। बता दें कि राजधानी दिल्ली में बीजेपी नेता मनोज तिवारी, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी सहित अन्य वरिष्ठ गणमान्यों की मौजूदगी में पुस्तक का विमोचन हुआ।
फिलहाल, यह पुस्तक अभी खासा चर्चा में है। पाठकों के बीच इस पुस्तक को पढ़ने को लेकर आतुरता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। अब ऐसे में इस पुस्तक को लेकर पाठकों की क्या और कैसी प्रतिक्रिया रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आइए उससे पहले आपको बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री कौन हैं, जिनके बारे में हमने ये लंबी चौड़ी भूमिका रची है।
कौन हैं धीरेंद्र शास्त्री
बता दें, धीरेंद्र शास्त्री मूल रूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं, जो कि पिछले कई दिनों से सनातन धर्म पर की गई अपनी टिप्पणी को लेकर खासा सुर्खियों में हैं। यही नहीं, वो दावा करते हैं कि कई वर्षों की सिद्धी के परिणामस्वरूप उनके पास बड़े से बड़ा चमत्कार करने की क्षमता है, लेकिन कुछ लोग उनके द्वारा किए गए चमत्कार को अंधभक्ति भी बताते हैं, जिसका धीरेंद्र शास्त्री विरोध करते हैं और दावा करते हैं कि दैवीय शक्ति के परिणामस्वरूप उनके पास ऐसा सामार्थ्य दिखाने की शक्ति है।