नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अब एक नई यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (यूपीएस) लाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले जैसे कंस्ट्रक्शन श्रमिकों, गिग वर्करों, अपना रोजगार करने वाले लोगों को पेंशन के दायरे में लाकर फाइनेंशियल सिक्योरिटी मिलेगी। यूनिवर्सल पेंशन स्कीम एक स्वैच्छिक योजना होगी और कोई भी व्यक्ति इसका लाभ उठा सकता है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय के द्वारा यूपीएस के प्रपोजल डॉक्युमेंट्स तैयार किए जा रहे हैं। कुल मिलाकर 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति इस योजना का लाभ ले सकता है।
यूपीएस के प्रपोजल डॉक्युमेंट तैयार होने के बाद इस पर सुझाव मांगे जाएंगे। हालांकि अभी यह मामला शुरुआती चरण में है इसलिए यूपीएस को लेकर ज्यादा डिटेल सामने नहीं आई है। लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि यूपीएस में सरकार अपनी तरफ से कोई भी कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं देगी जैसे ईपीएफ में सुविधा मिलती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यूपीएस एक स्वैच्छिक पेंशन योजना है। अब इसमें कितने पैसे जमा करने पर कितनी पेंशन मिलेगी इसकी डिटेल सरकार बाद में जारी करेगी। वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूनिवर्सल पेंशन स्कीम से वर्तमान में लागू नेशनल पेंशन स्कीम पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि ये दोनों ही एक दूसरे से बिलकुल अलग हैं।
मौजूदा समय में केंद्र सरकार द्वारा अटल पेंशन योजना समेत कई पेंशन योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिसमें निवेश करने वाले व्यक्ति को 60 वर्ष की उम्र के बाद निश्चित पेंशन मिलती है। आपको बता दें कि रूस, अमेरिका, चीन, जापान और कनाडा जैसे बहुत से देशों में सामाजिक सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए ऐसी कई स्कीम चल रही हैं। इसमें बुजुर्गों को पेंशन के साथ-साथ स्वास्थ्य बीमा और कई अन्य बेनिफिट्स मिलते हैं। न्यूजीलैंड, स्वीडन, डेनमार्क, नॉर्वे और नीदरलैंड जैसे कुछ देश में यूनिवर्सल पेंशन स्कीम पहले से ही लागू है।