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Mulayam Singh Yadav: आखिर क्या था वो किस्सा, जिसके बाद अखिलेश यादव को फूटी आंख नहीं सुहाने लगे थे मुलायम

Mulayam Singh

नई दिल्ली। पिछले 9 दिनों से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उपचाराधीन समाजवादी पार्टी के प्रणेता मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया। सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर उनका निधन हो गया था। उनके निधन की जानकारी सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल पर दी थी जिसके बाद समाजवादियों के बीच शोक लहर दौड़ गई। उनके निधन के बाद भारतीय राजनीति से जुड़े कई राजनेताओं ने शोकयुक्त प्रतिक्रियाएं दी। अमित शाह नेताजी के अंतिम दर्शन करने पहुंचे तो वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी ने गुजरात में जनसभा को संबोधित करने के क्रम में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और बाकी के नेताओं ने अपने ट्विटर हैंडल पर शोक व्यक्त किया।

उनके निधन के बाद भारतीय राजनीति में किसी एक अध्याय का नहीं, अपितु एक युग की समाप्ति हुई है। उधर, नेताजी के निधन के बाद उनसे जुड़े कई किस्से सुर्खियों में आ गए हैं। इस रिपोर्ट में हम आपको आगे एक ऐसे ही किस्से के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं, जिसके बाद से अखिलेश यादव के अपने पिता मुलायम सिंह यादव के साथ रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे। दोनों के बीच दूरियां इस कदर बढ़ चुकी थीं कि ऐसा लगा कि मानो अब इनके रिश्ते में पनपी दूरियां कभी कम नहीं होंगी, लेकिन वक्त के साथ पिता-पुत्र के बीच यह वैमनस्यता खत्म हो गई। चलिए, अब आगे जानते हैं कि आखिर क्या था वो किस्सा।

 

तो यह किस्सा साल 2003 का है, जब मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी का निधन हो गया था। मालती के निधन के बाद मुलायम सिंह यादव पूरी तरह से टूट चुके थे। मानो उनकी पूरी दुनिया ही उजड़ गई हो।। मुलायम सिंह यादव की हालत अब ऐसी हो चुकी थी कि ना ही उनका घर में मन लगता और ना ही राजनीति के मैदान में। इसके बाद उनकी मुलाकात साधना गुप्ता से हुई। साधना गुप्ता से उनकी पहली मुलाकात ने उनकी पूरी जिंदगी ही बदलकर रख दी। लेकिन मुलायम साधन को पहली ही मुलाकात में अपना दिल दे बैठे थे।

इतना ही नहीं, मुलायम साधन को अपने लिए लक्की भी मानते थे। उन्हें लगा था कि साधना के आने से उनकी जिंदगी की सारी सियासी दुश्वारियां अब खत्म हो चुकी हैं, लिहाजा वे साधना गुप्ता से परिणय सूत्र में बंध गए, लेकिन अखिलेश यादव को मुलायम सिंह यादव का फैसला बिल्कुल भी रास नहीं आया और उन्होंने अपने पिता मुलायम के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया और इस तरह से पिता-पुत्र के बीच रिश्ते में खटास की कहानी शुरू हुई।

दरअसल, अखिलेश यादव को यह बिल्कुल भी पसंद नही था कि कोई उनकी मां की जगह ले और मुलायम सिंह यादव ने साधना गुप्ता को अपनी पहली पत्नी माल्ती देवी सरीखा पद दिया था, जिसे लेकर अखिलेश अपने पिता से खफा थे। लेकिन, मुलायम सिंह यादव राजनीति के साथ-साथ अपने पारिवारिक रिश्तों के बीच में भी संतुलन साधने में माहिर थे। ज्यादा वक्त नहीं बीते मुलायम सिंह यादव ने अपने पारिवारिक रिश्ते में जारी विषमता को खत्म करके ही दम लिया।

हालांकि, कुछ जानकारों का मानना है कि मुलायम और अखिलेश के बीच इस बात को लेकर लंबे समय खटास बनी रही थी, जिसके बाद गुजरते वक्त के साथ यह खटास मिठास में तब्दील हो ही गई। बता दें कि बीते दिनों में ही साधना गुप्ता का निधन हुआ था, जिसके बाद मुलायम सिंह यादव पूरी तरह से टूट चुके थे। मुलायम सिंह यादव का मानना था कि साधना गुप्ता की आमद ने उनकी जिंदगी को एक नई उड़ान दी थी।

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